
देश में मैला ढोने वालों की संख्या 58,098 है, इनमें से 42,594 लोग अनुसूचित जातियों से हैं: सरकार
The Wire
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने संसद में बताया कि सरकार की ओर से सिर पर मैला ढोने वालों की धर्म और जाति को लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया है. हालांकि इनकी पहचान करने के लिए मैनुअल स्केवेंजर अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार सर्वेक्षण किए गए हैं. इन सर्वेक्षणों के दौरान मैला ढोने वालों की पहचान की गई है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि सरकार ने संसद को बताया कि देश में 58,098 हाथ से मैला ढोने वाले हैं और उनमें से 42,594 अनुसूचित जाति के हैं.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने बीते एक दिसंबर को संसद में बताया कि सरकार की ओर से सिर पर मैला ढोने वालों (मैनुअल स्केवेंजर) की धर्म और जाति को लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया है, लेकिन विभिन्न सर्वेक्षणों के तहत किए गए पहचान के मुताबिक, 43,797 मैला ढोने वालों के जाति से संबंधित आंकड़े उपलब्ध हैं.
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि देश में इन पहचानशुदा 43,797 लोगों में से 42,594 अनुसूचित जातियों से हैं, जबकि 421 अनुसूचित जनजाति से हैं. कुल 431 लोग अन्य पिछड़े वर्ग से हैं, जबकि 351 अन्य (Others) श्रेणी से हैं.
उन्होंने कहा, ‘सिर पर मैला ढोने वालों के धर्म और जाति को लेकर सरकार की ओर से कोई ‘विशिष्ट अध्ययन’ नहीं किया गया है. हालांकि इनकी पहचान करने के लिए मैनुअल स्केवेंजर अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार सर्वेक्षण किए गए हैं. इन सर्वेक्षणों के दौरान मैला ढोने वालों की पहचान की गई है.’