देश भर के डॉक्टरों के प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होने की वजह क्या है
The Wire
देश भर के डॉक्टरों की मांग है कि नीट-पीजी पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए, ताकि नए डॉक्टरों की भर्ती से उन पर मरीज़ों का बोझ घटे और कोरोना वायरस महामारी की आगामी आशांका को लेकर वे ख़ुद को उचित रूप से तैयार कर सकें.
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच देश के हजारों सरकारी डॉक्टर्स अस्पताल बंद कर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं.
उनकी मांग है कि राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा-पोस्टग्रैजुएट (नीट-पीजी) पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए.
नीट-पीजी की परीक्षा इस साल सितंबर में हुई थी. काउंसलिंग के बाद इन डॉक्टर्स को मेडिकल कॉलेजों में आगे की पढ़ाई और इलाज करने के लिए दाखिला मिलता है.
नीट-पीजी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा कराया जाता है, जो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन आता है. यह देश में सभी मेडिकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है.