देश के मौजूदा माहौल में मूर्खता और दुष्टता के बीच की महीन रेखा मिट चुकी है
The Wire
आज की तारीख़ में संघियों और नेताओं के बेतुके बयानों को हंसी में नहीं उड़ाया जा सकता क्योंकि किसी भी दिन ये सरकारी नीति की शक्ल में सामने आ सकते हैं.
हम कैसे हास्यास्पद लोगों में तब्दील हो गए हैं! हम जिस तरह की असंगतताओं से घिरे हैं, उसका एक उदाहरण देखिए- एक टीवी चैनल यह दावा करता है कि जिस बांध के कारण बाढ़ आई, उसे असम में ‘बाढ़ जिहाद’ के तहत मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा तोड़ा गया था. एक दूसरे मीडियाकर्मी ने इसे ट्वीट किया और भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी सोशल मीडिया का संचालन करने वाले राहुल सागर ने भी इसका समर्थन किया. सरकार ने बांध तोड़ने के इस तथाकथित मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. ये चारों मुसलमान थे. पूरा असम को डुबोने में कामयाब ,क्या नाम दे इसे अब ।।#FloodJihad pic.twitter.com/RQNI63d8zh
— Rahul Nagar (@RahulNagarbjp) July 6, 2022
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कर्नाटक के टास्क फोर्स के प्रमुख मदन गोपाल ने कहा कि सेब का न्यूटन के सिर पर गिरना और पाइथागोरस, ये दोनों ही ‘फेक न्यूज’ हैं- हमारे मिथकीय अतीत में इसके बारे में काफी जानकारी थी. यानी हिंदुओं को इसके बारे में पहले ही पता चुका था. उन्हें यह सूचना कोरा वेबसाइट पर मिली, तो स्वाभाविक तरीके से इस जानकारी के 100 फीसदी सही होने में क्या शक रह जाता है! राज्य सरकार ने अब इसी विचार का अनुसरण करते हुए अपना पक्ष केंद्र के सामने जमा करा दिया है.