![देश की जेलों में बंद क़ैदियों में से 75 फीसदी विचाराधीन, एक दशक में सर्वाधिक: रिपोर्ट](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2019/12/Jail-Prison-Reuters.jpg)
देश की जेलों में बंद क़ैदियों में से 75 फीसदी विचाराधीन, एक दशक में सर्वाधिक: रिपोर्ट
The Wire
एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट द्वारा उसके विश्लेषण बताता है कि साल 2020 में जेल में बंद विचाराधीन क़ैदियों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है जबकि दोषसिद्धि के आंकड़े में कमी आई है. इसके चलते जेल में बंद कुल क़ैदियों में विचाराधीन बंदियों की संख्या तीन-चौथाई से अधिक है.
नई दिल्लीः साल 2020 में जेल में बंद विचाराधीन कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. हालांकि, दोषसिद्धि की संख्या में कमी आई है, जिस वजह से जेल में बंद कुल कैदियों में विचाराधीन कैदियों की संख्या तीन-चौथाई से अधिक है, जो बीते एक दशक में सबसे अधिक है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट द्वारा उसके विश्लेषण के बाद ये तथ्य सामने आए हैं.
2020 में जमानत पर रिहा विचाराधीन कैदियों की संख्या में 2019 के मुकाबले 2.6 लाख की गिरावट आई है. ऐसा 2020 में न्यायपालिका तक कैदियों की कम पहुंच की वजह से हो सकता है क्योंकि कई राज्यों में कैदियों के अदालत पहुंचने की संख्या घटी है.
हालांकि, यह पैटर्न अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है क्योंकि जेलों में सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाएं भी हैं.