![दुर्भावनापूर्ण मामले वापस लेने के ख़िलाफ़ नहीं, पर सरकारों को हाईकोर्ट से मंज़ूरी लेनी चाहिए: कोर्ट](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2019/05/Supreme-Court-PTI.jpg)
दुर्भावनापूर्ण मामले वापस लेने के ख़िलाफ़ नहीं, पर सरकारों को हाईकोर्ट से मंज़ूरी लेनी चाहिए: कोर्ट
The Wire
सुप्रीम कोर्ट जघन्य अपराधों में दोषी पाए गए जनप्रतिनिधियों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने और उनके मुक़दमों का शीघ्र निपटारा करने के अनुरोध संबंधी जनहित याचिका सुन रहा है. कोर्ट ने जांच और सुनवाई में अत्यधिक देरी पर भी चिंता जताई और केंद्र से कहा कि वह ज़रूरी मानव संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराए.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि कानून के तहत राज्य सरकारों को ‘दुर्भावनापूर्ण’ आपराधिक मामलों को वापस लेने का अधिकार है. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह ऐसे मामलों को वापस लिए जाने के खिलाफ नहीं है, लेकिन ऐसे मामलों पर संबंधित उच्च न्यायालयों की तरफ से गौर किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की तरफ से दर्ज मामलों की जांच और सुनवाई में अत्यधिक देरी पर भी चिंता जताई और केंद्र से कहा कि वह जरूरी मानव संसाधन और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराए. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ व जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक विस्तृत आदेश पारित करेगी. इसके साथ ही पीठ ने कहा कि वह ईडी या सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों पर कुछ भी नहीं कह रही या कोई राय नहीं व्यक्त कर रही क्योंकि इससे उनका मनोबल प्रभावित होगा. लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सुनवाई जल्दी पूरी हो.More Related News