दुबई में ट्रक चलाने वाला अमृतपाल ISI के संपर्क में कैसे आया? PAK खुफिया एजेंसी ने दिया था ये टारगेट!
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खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है, जो चिंता का सबब है. खुफिया विभाग के सूत्रों का कहना है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट है. उसे आईएसआई ने धर्म के नाम पर सिख युवाओं को मोटिवेट करने का टास्क दिया. अमृतपाल को लेकर कुछ और बड़े खुलासे हुए हैं.
खालिस्तानी समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस शिकंजा कस रही है. राज्यभर में उसके खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है. उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है और उसके फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी, कई बॉडीगार्ड्स समेत 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही कई अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है. इसी बीच एक एक ऐसी बात सामने आई है, जो चिंता बढ़ाने वाली है. दुबई में आईएसआई के संपर्क में आया था अमृतपाल...
खुफिया विभाग के सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की मदद और इशारे पर पंजाब को फिर पुराने दौर (आतंकवाद) की धकेलने की साजिश रच रहा है. वह दुबई में ट्रक ड्राइवर था, तभी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आया था. यहां उसे धर्म के नाम पर सिख युवाओं को मोटिवेट करने का टास्क दिया गया था. इसके लिए आईएसआई की फंडिंग से खालिस्तान के नाम पर सिखों को एकजुट करके पंजाब में सक्रिय होना था.
पंजाब के मुद्दों और सिखों को सरकार के खिलाफ भड़काया इनपुट्स के मुताबिक, पंजाब आने के बाद आईएसआई के कहने पर अमृतपाल सिंह ने अपना संगठन खड़ा किया. इसके लिए उसने अमृत संचार का सहारा लिया. बाद में उसने 'खालसा वहीर' नामक अभियान चलाया और गांवों में जाकर संगठन को मजबूत किया. इस दौरान पंजाब के मुद्दों को भड़काया और सिखों को केंद्र सरकार के खिलाफ भड़काना शुरू किया.
इस तरह अमृतपाल धर्म की आड़ में लोगों से मनचाहा काम करवाने में सफल होने लगा. इससे आईएसआई और उसका मनोबल मजबूत हुआ. इस सबसे पंजाब के लोगों के बीच आतंकवाद के बुरे दौर की यादें ताजा हो गईं.
खुफिया अलर्ट भी जारी किया गया था
गौरतलब है कि ऐसे समूहों द्वारा आतंकवाद को पुनर्जीवित करने और पंजाब में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश करने पर बीते दिनों में खुफिया अलर्ट भी जारी किया गया था. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया गया था कि धार्मिक नेता और भीड़भाड़ वाले स्थान आईएसआई और खालिस्तानी आतंकवादी समूहों के निशाने पर हैं.
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