दुनिया भर में कारों की कीमतें आसमान क्यों छू रही हैं?
BBC
बाज़ार में नए उत्पाद उपलब्ध न होने की वजह से पुरानी गाड़ियों की मांग काफ़ी बढ़ गयी है. इसकी वजह से अमेरिका में सेकेंड हैंड कार की औसत कीमत 25 हज़ार डॉलर से भी ज़्यादा हो गयी है.
दुनिया भर में कोविड - 19 महामारी शुरू होने से पहले तक ऑटो मैन्यूफैक्चरिंग एवं सप्लाई चेन इंडस्ट्री सामान्य ढंग से चल रही थीं जिसकी वजह से कोई भी अपनी पसंदीदा कार ख़रीद सकता था.
लेकिन अब वैश्विक स्तर पर गाड़ियों की उपलब्धता में कमी होने की वजह से लोगों को इंतज़ार करना पड़ रहा है. और ये संभव है कि उन्हें अपनी कार खरीदने में कई महीनों का वक़्त लगे.
क्योंकि नयी कारें उपलब्ध न होने की वजह से कारों के नए मॉडलों की कीमतें आसमान छू रही हैं. इसके साथ ही पुरानी कारों के दाम भी बढ़ रहे हैं.
इसके साथ ही बड़ी कंपनियां कम मात्रा में कारों का उत्पादन कर रही हैं क्योंकि उनके उत्पादन की सबसे अहम चीज सेमीकंडक्टर्स बाज़ार में उपलब्ध नहीं हैं.
यही नहीं, चिप्स की मांग भी आसमान छू रही है क्योंकि टेक्नोलॉजी कंपनियां होम अपलाइंसेज़ से लेकर कंप्यूटर, सेलफोन और वीडियो गेम कंसोल आदि में उनका इस्तेमाल करती हैं.