
‘दिहाड़ी मजदूर से भी कम वेतन’-UP की आशा कार्यकर्ताओं का दर्द
The Quint
Asha Workers condition in Uttar Pradesh: COVID-19 महामारी के दौरान आशा कार्यकर्ता कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए घर-घर जाती हैं, वह कहती हैं कि उन्हें इसके बदले सिर्फ 1,000 रुपये महीना का प्रोत्साहन (इन्सेंटिव) उन्हें मिलता है.
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