दिव्या पाहुजा मर्डर केस: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, पॉइंट ब्लैंक रेंज से मॉडल को मारी गई गोली
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Divya Pahuja Murder Case: गुरुग्राम में हुए दिव्या पाहुजा मर्डर केस में लंबे सर्च ऑपरेशन के बाद अपकमिंग मॉडल के शव को बरामद किया गया था. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. चार डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम कर दिया है. पीएम रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं.
गुरुग्राम में हुए दिव्या पाहुजा मर्डर केस में एक नया खुलासा हुआ है. हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में शव के पोस्टमार्टम के बाद पता चला है कि मॉडल को पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई है. डॉक्टरों की टीम को दिव्या के सिर से एक गोली मिली है. पोस्टमार्टम के बाद विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है, जिसे जांच के लिए मधुबन लैब भेजा जाएगा. इस दौरान गुरुग्राम और टोहाना पुलिस के साथ मृतिका के बहन और भाई अस्पताल में मौजूद रहे. पोस्टमार्ट के बाद परिजन शव को गुरुग्राम लेकर गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को हरियाणा के फतेहाबाद के टोहना में नहर से दिव्या पाहूजा का शव बरामद किए जाने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए हिसार भेज दिया गया था. रविवार को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक मोहन सिंह के निर्देशन में चार डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम गहनता से किया. इस टीम में दो महिला डॉक्टर भी शामिल थी. पुलिस प्रक्रिया होने के बाद दिव्या के शव को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया. वो लोग शव को लेकर गुरुग्राम गए हैं, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बताते चलें कि गुरुग्राम पुलिस के लिए दिव्या का शव मिलना एक चुनौती बन गया था. क्योंकि हत्या की इस वारदात के अगले ही दिन तीन प्रमुख आरोपियों होटल मालिक अभिजीत सिंह, उसके कर्मचारी हेमराज और ओम प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद भी मॉडल का शव नहीं मिल पा रहा था. एक तरफ पुलिस की टीम खाक छान रही थी, तो दूसरी तरफ मृतिका के परिजन उस पर लापरवाही का आरोप लगाकर इस केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे. लेकिन 11 दिन बाद डेड बॉडी बरामद करके पुलिस ने राहत की सांस ली.
मॉडल दिव्या पाहुजा मर्डर केस गुरुग्राम पुलिस पर सवालियां निशान लगा रहा था. इससे पहले की साख पर बट्टा लग पाता पुलिस ने मॉडल का शव बरामद करके सभी सवालों पर विराम लगा दिया. इस सर्च ऑपरेशन को सही दिशा तब मिली, जब पुलिस ने शव को ठिकाने लगाने के एक आरोपी बलराज गिल को कोलकाता से गिरफ्तार किया. वो वहां से विदेश भागने के फिराक में था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी की वजह से रफूचक्कर होने से पहले ही पकड़ लिया गया. पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान उसने कई खुलासे किए.
बलराज गिल ने पुलिस को बताया था कि उसने दिव्या के शव को पंजाब के पटियाला के पास भाखड़ नहर में फेंक दिया था. इसके बाद पटियाला बस स्टैंड पर बीएमडब्ल्यू कार को छोड़कर फरार हो गए थे. इस जानकारी के मिलने के बाद गुरुग्राम पुलिस ने दिव्या पाहुजा के शव की तलाश के लिए 25 टीमें बनाई. इसमें एनडीआरएफ की टीम का सहयोग भी लिया गया. इसके बाद पंजाब पटियाला से सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जो कि हरियाणा के जाखल तक चला. करीब 100 किमी की दूरी तक नहर में शव खोजना आसान नहीं था.
पंजाब पुलिस और एनडीआरफ की टीम के साथ हरियाणा पुलिस ने इस असंभव कार्य का कर दिखाया. हरियाणा के फतेहाबाद के टोहना में नहर से एक शव बरामद किया गया. पानी में रहने की वजह से शव फूल गया था. सिर पर बाल भी नहीं थे. क्षत-विक्षत स्थिति में होने की वजह से पहचान नहीं हो पा रही थी. इसके बाद पुलिस ने दिव्या की मां को बुलवाया. उनको शव दिखाया गया. उन्होंने शरीर पर मौजूद निशान देखकर अपनी बेटी की पहचान कर ली. दरअसल, दिव्या ने अपनी पीठ और हाथ पर टैटू बनवाया हुआ था.
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