दिल्ली: 84 दिनों की वेटिंग, 34 वोटों से जीत, केवल 38 दिन मेयर रहेंगी शैली ओबेरॉय
AajTak
दिल्ली के पटेल नगर के वार्ड नंबर 86 से पार्षद शैली ओबेरॉय आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर चुनी गई हैं. शैली को 150 वोट मिले. इसी के साथ एमसीडी पर पिछले 15 सालों से काबिज बीजेपी को आम आदमी पार्टी ने बेदखल कर दिया है. उन्होंने बीजेपी की उम्मीदवार रेखा गुप्ता को मात दी.
दिल्ली नगर निगम चुनाव में आखिरकार आम आदमी पार्टी अपना मेयर बनाने में कामयाब हो ही गई. शैली ओबेरॉय बीजेपी की रेखा गुप्ता को मात देकर दिल्ली की महापौर बन गई हैं. दिल्ली नगर निगम चुनाव के 84 दिन के लंबे इंतजार के बाद अब जाकर शैली ओबेरॉय 34 वोटों से चुनावी जीती हैं, लेकिन वह महज 38 दिन ही महापौर के पद पर रह कर काम कर सकेंगी. शैली दिल्ली एमसीडी में 31 मार्च तक मेयर रहेंगी और उसके बाद एक अप्रैल को फिर से मेयर का चुनाव होगा.
84 दिन बाद 34 वोटों से जीतीं दिल्ली के मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार शैली ओबरॉय को 150 वोट मिले हैं जबकि बीजेपी प्रत्याशी रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले हैं. इस तरह से शैली ओबेरॉय 34 वोटों से जीत दर्ज की हैं, लेकिन उन्हें मेयर बनने के लिए 84 दिनों का इंतजार करना पड़ा है. इसकी वजह यह है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे 17 दिसंबर 2022 को आए हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. एमसीडी सदन में मेयर चुनाव के लिए तीन बार बैठक हुई और तीनों बार बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे के चलते मेयर का चुनाव नहीं हो सका. ऐसे में चौथी बार बुधवार को 84 दिन के बाद सदन की बैठक हुई, जिसमें शैली ओबेरॉय मेयर चुनी गई हैं.
38 दिन ही मेयर रहेंगी शैली ओबेरॉय भले ही बड़ी मशक्कत और सुप्रीम कोर्ट के हस्ताक्षेप के बाद मेयर चुन ली गई हैं, लेकिन अपने पद पर सिर्फ 38 दिन ही रहेंगी. अगर आप ये सोच रहे हैं कि ऐसा क्यों होगा तो इसके लिए एमसीडी एक्ट को जानना जरूरी है, जिसमें एक अप्रैल से 31 मार्च तक के लिए ही मेयर चुन जाता है. डीएमसी एक्ट की धारा दो (67) के अनुसार एमसीडी का वर्ष अप्रैल माह के प्रथम दिन से शुरू होता है. इस तरह अगले साल31 मार्च को वर्ष समाप्त हो जाता है. इस लिहाज से 22 फरवरी को शैली ओबेरॉय मेयर चुनी गई हैं, जिनका कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो जाएगा. इस तरह से वह सिर्फ 38 दिनों तक ही मेयर पद पर रहकर काम-काम कर सकेंगी. इसके बाद दोबारा से एक अप्रैल को मेयर का चुनाव होगा.
कौन हैं शैली ओबेरॉय ?
39 साल की शैली ओबेरॉय पश्चिमी दिल्ली के पूर्वी पटेल नगर वार्ड की निर्वाचित पार्षद हैं. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं. वह भारतीय वाणिज्य संघ की आजीवन सदस्य भी हैं. उन्होंने ओबेरॉय ने इग्नू के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से प्रबंधन अध्ययन में पीएचडी की है. उनके नाम कई पुरस्कार और सम्मान हैं जो उन्हें विभिन्न सम्मेलनों में प्राप्त हुए.
शैली ओबेरॉय 2013 में एक कार्यकर्ता के रूप में AAP में शामिल हुईं और 2020 तक पार्टी की महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रहीं. पहली बार पार्षद के रूप में उन्होंने पश्चिमी दिल्ली में भाजपा के गढ़ में जीत दर्ज की. दिल्ली विश्वविद्यालय में एक पूर्व विजिटिंग असिस्टेंट प्रोफेसर और पहली बार पार्षद, शैली ने दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रमुख आदेश गुप्ता के गृह क्षेत्र पूर्वी पटेल नगर से चुनाव लड़ा और अपनी प्रतिद्वंद्वी दीपाली कुमारी को 269 मतों से हराया और अब रेखा गुप्ता को हराकर मेयर चुनी गई हैं.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की है. इस पर आरजेडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. आरजेडी का कहना है कि बीजेपी नीतीश कुमार को लुभाने के लिए यह मांग कर रही है.आरजेडी ने यह भी कहा कि यह मांग सिर्फ चुनाव तक के लिए है और चुनाव के बाद बीजेपी का रवैया बदल सकता है. VIDEO
दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान के परिवार से AIMIM के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. AIMIM दिल्ली अध्यक्ष शोएब जमाल ने संकेत दिया कि यदि परिवार और स्थानीय लोग चाहें तो पार्टी शाहरुख को चुनाव लड़वाने को तैयार है. इससे पहले AIMIM ने दंगों के एक अन्य आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया था. BJP ने इस पर कहा कि दिल्ली की जनता दंगाइयों को बर्दाश्त नहीं करेगी.
हल्ला बोल के इस खास संस्करण में चर्चा बिहार में 2025 का किंग कौन होगा पर है. लोकसभा चुनाओं में मोदी सरकार की हैट्रिक लगाने के बाद NDA बनाम इंडिया गठबंधन की जो लड़ाई है वो अभी टू-टू पर ड्रॉ है. क्योंकि दो राज्य इंडिया ने जीते दो राज्य इंडिया गठबंधन ने जीते हैं. अब नए साल यानी 2025 में पहले दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है और उसके बाद बिहार में विधानसभा चुनाव की बिसाद बिचने लगेगी. देखें वीडियो.
कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान पक्षी की टक्कर के बाद क्रैश हो गया, जिसमें 42 लोग मारे गए. विमान ने करीब एक घंटे तक लैंडिंग की कोशिश की लेकिन पायलट इसमें विफल रहे. इस बीच जीपीएस में गड़बड़ी की बात भी सामने आ रही है, लेकिन अभी स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. खासकर ग्रोज्नी के पास जीपीएस जैमिंग का संदेह है.