दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र आज से, जानें- केजरीवाल सरकार के बजट में क्या होगा खास
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9 मार्च को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करेंगे. वर्ष 2020-21 में दिल्ली का बजट 65 हज़ार करोड़ का था, सरकारी सूत्रों की मानें तो इस साल 2021-22 के लिए 65 हज़ार करोड़ से अधिक बजट का प्रस्ताव देखने मिल सकता है. दिल्ली सरकार के बजट में कई अहम और नए फैसलों की झलक देखने को मिल सकती है.
दिल्ली विधानसभा बजट सत्र आज से शुरू होने जा रहा है. बजट सत्र की शुरुआत दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के अभिभाषण से होगी. साथ ही, सदन में उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद दिल्ली सरकार में वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया वित्तीय वर्ष 2020-21 का दिल्ली का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे. इसके अलावा बजट सत्र के पहले दिन आउटकम बजट 2020-21 की स्टेटस रिपोर्ट भी सदन में पेश की जायेगी. बता दें कि 9 मार्च को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करेंगे. वर्ष 2020-21 में दिल्ली का बजट 65 हज़ार करोड़ का था, सरकारी सूत्रों की मानें तो इस साल 2021-22 के लिए 65 हज़ार करोड़ से अधिक बजट का प्रस्ताव देखने मिल सकता है. दिल्ली सरकार के बजट में कई अहम और नए फैसलों की झलक देखने को मिल सकती है.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.