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दिल्ली में AAP-कांग्रेस के बीच डील पक्की, 4-3 के हिसाब से होगा सीटों का बंटवारा, लेकिन पंजाब ने फंसाया पेच!
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अगर बात पंजाब की करें तो वहां गठबंधन की राह आसान नजर नहीं आ रही है. AAP और कांग्रेस राजनीति में एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने की जरूरत का महत्व भी समझती हैं. हालांकि दोनों पार्टियां लगातार इस बात पर जोर दे रही हैं कि वे पंजाब की सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगी.
INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग पर मंथन जारी है. इसी बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की. बैठक में दिल्ली को लेकर AAP और कांग्रेस में गठबंधन पक्की मानी जा रही है. दिल्ली में एक पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि दूसरी 3 सीटों पर. दिल्ली में लोकसभा के कुल 7 सीट हैं.
हालांकि अभी ये तय करना है कि कौन सी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कौन सी पार्टी दिल्ली की 3 सीटों पर चुनावी ताल ठोकेगी. गौर करने वाली बात ये भी है कि इस बात पर भी कोई सहमति नहीं हुई है कि कौन सी पार्टी किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
AAP नेता राघव चड्ढा ने इस बैठक को सकारात्मक बताया है. वहीं, सूत्रों ने बताया कि जहां तक दिल्ली में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन का सवाल है, तो कोई दिक्कत सामने नहीं आई है.
पंजाब में गठबंधन नहीं
अगर बात पंजाब की करें तो वहां गठबंधन की राह आसान नजर नहीं आ रही है. AAP और कांग्रेस राजनीति में एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने की जरूरत का महत्व भी समझती हैं. हालांकि दोनों पार्टियां लगातार इस बात पर जोर दे रही हैं कि वे पंजाब की सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगी. क्योंकि दोनों ही पार्टियां पंजाब में अपना राजनीतिक दबदबा बढ़ाने के साथ ही इस उम्मीद में भी हैं कि चुनाव के परिणाम उनके पक्ष में होंगे. इसलिए पंजाब में AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
इन राज्यों में विस्तार चाहती है AAP
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आम आदमी पार्टी हाल में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 सीटों से नीचे गिरकर 22 सीटों पर आ गई. पार्टी के बड़े-बड़े धुरंधर जिनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती शामिल हैं, चुनाव हार गए. लेकिन कालकाजी में काफी कड़े मुकाबले में आतिशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को हराने में सफलता पाई.