
दिल्ली में भी लगेगा मुंबई का गैस सकिंग मॉडल, लैंडफिल साइट पर बढ़ती आग की घटनाओं पर सख्त हुई सरकार
ABP News
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लैंडफिल साइट्स में आग लगने का सबसे बड़ा कारण उसमे से लगातार निकलने वाली मीथेन गैस है, जो ना केवल आग कि घटनाओं को बढ़ावा देती है बल्कि वायुमंडल के लिए भी हानिकारक है.
देश की राजधानी दिल्ली में इस बार प्रचंड गर्मी पड़ रही है. गर्मी के इस मौसम में की वजह इस बार राजधानी दिल्ली में कई जगह आग लगने की घटनाएं देखी गई हैं. जिससे सरकार को काफी नुकसान हुआ है. ऐसी घटना दुबारा नहीं हो इसका लेकर दिल्ली सचिवालय में आज लैंडफिल साइट्स को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में डीपीसीसी, एमसीडी, आईआईटी दिल्ली, पर्यावरण विभाग, टेरी, सीएसई, आईजीएल , गेल और अन्य सभी सम्बंधित विभागों के एक्सपर्ट के साथ उच्चस्तरीय बैठक की गई.
इस बैठक में लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग लगने की घटनाओं को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा की गई. बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस बैठक में सभी विभागों के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने का फैसला लिया गया है. इसी के साथ डीपीसीसी और एमसीडी की संयुक्त टीमों को भी मुंबई जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग की घटनाओं को रोकने लिए डीपीसीसी और एमसीडी की टीमों को लगातार निरीक्षण के आदेश भी दे दिए गए है.