दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए हो सकती है आर्टिफिशियल बारिश? चीन कर चुका है ये कारनामा
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को अपने आवास पर यह बैठक की. इस बैठक के बाद राय ने बताया कि आईआईटी कानपुर ने आर्टिफिशियल बारिश का प्रस्ताव रखा है. लेकिन क्लाउड सीडिंग का उनका मॉडल मॉनसून सीजन के लिए है. इसलिए हमने उनसे दिल्ली में सर्दियों के मौसम में आर्टिफिशियल बारिश की संभावनाएं तलाशने को कहा है.
दिल्ली-एनसीआर इन दिनों भयंकर प्रदूषण की मार झेल रहा है. स्कूलों को बंद कर दिया गया है. लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है. ऐसे में राजधानी में आर्टिफिशियल बारिश (Artificial Rain) कराए जाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. इस संबंध में पर्यावरण मंत्री ने बुधवार को आईआईटी कानपुर की टीम के साथ बैठक भी की.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को अपने आवास पर यह बैठक की. इस बैठक के बाद राय ने बताया कि आईआईटी कानपुर ने आर्टिफिशियल बारिश का प्रस्ताव रखा है. लेकिन क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) का उनका मॉडल मॉनसून सीजन के लिए है. इसलिए हमने उनसे दिल्ली में सर्दियों के मौसम में आर्टिफिशियल बारिश की संभावनाएं तलाशने को कहा है.
इसी साल टेस्टिंग कामयाब हुई है
आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट साल 2017 से क्लाउड सीडिंग के जरिए आर्टिफिशियल बारिश करवाने की तकनीक पर काम कर रहे थे. इसी साल जून में आईआईटी कानपुर को इसमें कामयाबी मिली थी. टेस्टिंग के दौरान सेना एयरक्राफ्ट (छोटे विमान) को पांच हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ाया गया. इसके बाद क्लाउड सीडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए बादलों में एक केमिकल पाउडर छिड़का, जिससे पानी की बूंदें बनने लगीं. और कुछ देर बाद आसपास के इलाकों में बारिश शुरू हो गई.
क्या होती है क्लाउड सीडिंग?
माना जाता है कि क्लाउड सीडिंग पर 1940 के दशक से काम चल रहा है. अमेरिका पर आरोप लगते रहे हैं कि वियतनाम युद्ध में उसने क्लाउड सीडिंग को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया था. इससे वियतनामी सेना की सप्लाई चेन बिगड़ गई थी, क्योंकि ज्यादा बारिश से जमीन दलदली हो गई थी. हालांकि, इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं.