
दिल्ली में जिन्हें चार कंधे नसीब नहीं हो रहे, उनका अंतिम संस्कार करा रहे ये दो शख्स, अब तक 322...
NDTV India
पेशे से प्रीतम व्यवसायी हैं और देवेंदर फ़ोटोग्राफ़र. मरने वाला अगर मुसलमान है तो उसे क़ब्रिस्तान ले जाते हैं और अगर हिंदू है तो उसे शमशान घाट ले जाते हैं.
देश में हर रोज़ कोरोना से हज़ारों लोगों की मौत हो रही है, हालात इतने ख़राब हैं कि कुछ मरने वालों का अंतिम संस्कार करने वाला भी कोई नहीं है. दिल्ली में प्रीतम सिंह और उनके साथी उन लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, जिनकी कोरोना से घर पर ही मौत हो गई. ऐसे ही एक घर में मौत हुई है तो कोई सोसाइटी वाला तैयार ही नहीं है. अकेले यहां इंसानियत की मौत हुई है. 48 साल के प्रीतम सिंह और उनके साथी देवेंदर दिल्ली के रानीबाग में एक बुज़ुर्ग का शव अंतिम संस्कार के लिए लेने आए हैं. 70 साल के ए एन यादव की सोमवार रात कोरोना से मौत हो गई.More Related News