![दिल्ली में एक बुज़ुर्ग कोविड मरीज़ के दर-दर भटकने की कहानी](https://ichef.bbci.co.uk/news/1024/branded_hindi/161E/production/_118426650_gettyimages-1232703020.jpg)
दिल्ली में एक बुज़ुर्ग कोविड मरीज़ के दर-दर भटकने की कहानी
BBC
एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगाते और ऑक्सीजन की क़तारों में खड़े नौजवानों का जीवन बचाने को लेकर संघर्ष. बीबीसी संवाददाता का आंखों देखा हाल.
मारुति ओमनी एंबुलेंस में लेटे सुरिंदर सिंह की साँसें टूट रहीं थीं. दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल के डॉक्टर उन्हें देखने एंबुलेंस तक तो आए लेकिन भर्ती करने से हाथ खड़े कर दिए. ये रात 11 बजे की बात है. डॉक्टरों ने उनके साथ आए चंदीप सिंह और दूसरे युवाओं से कहा, "इनकी हालत बहुत ख़राब है, इन्हें तुरंत वेंटिलेटर की ज़रूरत है. हमारे पास बेड उपलब्ध नहीं हैं, आप तुरंत इन्हें कहीं और ले जाइए." यह भी पढ़ें: कोरोना: क्या कुंभ के कारण तेज़ी से फैला संक्रमण? चंदीप सिंह और उनके साथी हाथ जोड़कर डॉक्टरों की मिन्नतें करते रहे लेकिन डॉक्टर अस्पताल में बेड उपलब्ध न होने की बात दोहराते रहे. मैं दूर से ये सब देख रहा था. कुछ देर पहले ही मैं शाहीन बाग़ के अल-शिफ़ा अस्पताल का हाल देखकर लौटा था. वहां तीन बेड ख़ाली होने की जानकारी मिली थी.More Related News