दिल्ली: मनीष सिसोदिया ने हिमंत बिस्व सरमा पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, असम CM ने दिया ये जवाब
AajTak
दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के बाद बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ गई है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सत्येंद्र जैन पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता हमेशा झूठे आरोप लगाते हैं. एक बार फिर फर्जी आरोप सत्येंद्र जैन को जेल में डाल दिया है.
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले ईडी की हिरासत में हैं, जिसको लेकर आप सरकार बीजेपी के निशाने पर है. वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर पलटवार किया. उन्होंने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए.
सिसोदिया ने कहा कि जब कोई चुना हुआ मुख्यमंत्री या मंत्री अपनी पत्नी की कंपनी को या अपने बेटे के पार्टनर्स की कंपनियों को ठेके दे तो यह इस देश के कानून के तहत भ्रष्टाचार होता है. उन्हाेंने सवाल किया कि बीजेपी बताए यह उसकी नजर में भ्रष्टाचार है या नहीं है. उन पर कार्रवाई होगी कि नहीं होगी. अपने मुख्यमंत्री को जेल में डालेंगे या नहीं.
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया. कहा कि बीजेपी के सभी आरोप हमेशा झूठे साबित होते हैं. वहीं असम के सीएम ने मनीष सिसोदिया के आरोप ट्वीट कर कहा कि आप उपदेश देना बंद करें. मैं जल्द ही आपके खिलाफ मानहानि का केस करूंगा.
पीपीई किट की खरीद में किया भ्रष्टाचार
मनीष सिसोदिया ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि असम के वर्तमान सीएम हिमंत बिस्वा सरमा जो 2020 में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने कोविड की आंड़ में जमकर भ्रष्टाचार किया है. उस समय उन्होंने अपने स्वास्थ्य विभाग से पीपीई किट्स खरीदने के ठेके जारी किए.
उन्होंने कहा कि उस वक्त इमरजेंसी थी इसलिए बिना टेंडर के ही ठेके जारी किए जा रहे थे. सरकार के पास यह आधिकार होता है कि इमरजेंसी के वक्त वह ऐसा कर सकती है लेकिन ये ठेके किसको और कितने रेट पर दिए गए, इसमें भ्रष्टाचार किया गया.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.