
दिल्ली प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मीडिया का एक वर्ग स्कूलों को बंद करने को लेकर हमें खलनायक के तौर पर पेश कर रहा
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बिगड़ रही वायु गुणवत्ता को लेकर स्कूलों को बंद करने के फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए शुक्रवार को कहा कि स्कूलों को बंद करने का फैसला उनका नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार का था. अदालत ने कहा कि जान-बूझकर या अनजाने में एक संदेश भेजा जा रहा है कि अदालत खलनायक है और वह स्कूल बंद करने का आदेश दे रही है.
नई दिल्ली: बढ़ते वायु प्रदूषण पर उच्चतम न्यायालय में चली सुनवाई पर आईं कुछ खबरों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उनमें ऐसा दिखाने की कोशिश की गई जैसे न्यायालय कोई ‘खलनायक’ है जो दिल्ली में स्कूलों को बंद करना चाहता है.
न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बिगड़ रही वायु गुणवत्ता को लेकर स्कूलों को बंद करने के फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि स्कूलों को बंद करने का फैसला उनका नहीं बल्कि दिल्ली सरकार का था.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवायी वाली विशेष पीठ ने पीड़ा व्यक्त की और कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि इरादतन या गैर-इरादतन इनमें न्यायाधीशों की छवि खराब की गई.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘एक बात जो हमने गौर की है वह यह है कि मैं नहीं जानता कि यह जान बूझकर है या अनजाने में, ऐसा लगता है कि मीडिया के कुछ वर्ग और कुछ लोगों ने ऐसा दिखाने की कोशिश की कि हम खलनायक हैं, जो स्कूलों को बंद करने चाहते हैं. आप (दिल्ली सरकार) ने अपने आप फैसला किया. आपने कहा था कि आप कार्यालयों और स्कूलों को बंद करना चाहते हैं. आप लॉकडाउन लगाना चाहते थे और सब कुछ करना चाहते थे, हमने कोई आदेश नहीं दिया. आप आज के समाचार-पत्रों को देखिए.’’