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दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने 20 वर्षीय छात्र को ज़मानत दी
The Wire
अप्रैल 2020 से हिरासत में रखे गए एक छात्र पर दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए अभियोजन पक्ष ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए ज़मानत का विरोध किया था. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता महज़ बीस साल का छात्र है और उसके द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका दूर-दूर तक नज़र नहीं आती.
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में अप्रैल, 2020 से हिरासत में रखे गए 20 वर्षीय एक छात्र को यह कहते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया कि रिहाई के बाद सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है.
शिकायत के अनुसार, गोकलपुरी का रहने वाला याचिकाकर्ता आरोपी उन तीन लोगों में शामिल था, जो 25 फरवरी, 2020 को कथित तौर पर एक घर में आग लगाने और सामान लूटने वाली भीड़ का हिस्सा थे.
अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर उसकी जमानत का विरोध किया कि याचिकाकर्ता पर दंगा भड़काने का आरोप है और अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो उसके सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को धमकाने की पूरी संभावना है.
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का एक जमानतदार पेश करने की शर्त पर रिहा करने का निर्देश दिया.