दिल्ली के चार बड़े अस्पतालों में साढ़े छह साल में हर माह क़रीब 70 बच्चों की मौत: आरटीआई
The Wire
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के चार बड़े अस्पतालों- सफ़दरजंग, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, कलावती सरन और सुचेता कृपलानी अस्पताल में जनवरी 2015 से जुलाई 2021 के बीच 3.46 लाख से अधिक बच्चे पैदा हुए, जिनमें से 5,724 बच्चों की मौत हो गई. इनमें से चार हज़ार से ज्यादा बच्चों की जान सिर्फ़ सफ़दरजंग अस्पताल में ही गई है.
नई दिल्ली: दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के चार अस्पतालों में साढ़े छह साल में औसतन करीब 70 बच्चों की हर महीने मौत हुई है. सबसे ज्यादा बदतर हाल सफदरजंग अस्पताल का है, जहां 81 महीनों के दौरान हर माह तकरीबन 50 नवजातों की जिंदगी चली गई.
यह जानकारी सफदरजंग अस्पताल के अलावा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), कलावती सरन अस्पताल और सुचेता कृपलानी अस्पताल ने समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर किए गए अलग-अलग आवेदनों के जवाब में दी है.
आरटीआई आवेदन में जनवरी 2015 से जुलाई 2021 के बीच इन अस्पतालों में जन्म के बाद जान गंवाने वाले नवजातों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई थी. इसके साथ में यह भी पूछा गया था कि इन बच्चों की मौत के क्या कारण रहे. सफदरजंग और सुचेता कृपलानी अस्पतालों ने सितंबर 2021 तक के आंकड़े उपलब्ध कराए हैं.
आरटीआई के तहत मिले जवाब के मुताबिक, इस दौरान इन अस्पतालों में 3.46 लाख से अधिक बच्चे पैदा हुए, जिनमें से 5,724 बच्चों की मौत हो गई. इनमें से चार हजार से ज्यादा बच्चों की जान सिर्फ सफदरजंग अस्पताल में ही गई है.