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दिल्ली की सरकारी बिल्डिंग पर लगाए जाएंगे 50 मेगावाट के रूफटॉप सोलर प्लांट, ग्रीन एनर्जी उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
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दिल्ली सरकार ने ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए 645 सरकारी बिल्डिंग ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्लांट लागने का फैसला किया है. इन सभी प्लांटो की क्षमता 50 मेगावाट होगी. ये प्रोजेक्ट सरकारी इमारतों को अपनी बिजली की जरूरतों को खुद पूरा करने के साथ-साथ पैसों की बचत कराने में फायदेमंद साबित होगा.
दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम की बिल्डिंग पर ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. इन सभी प्लांटों की कुल क्षमता 50 मेगावाट होंगे. दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि सरकारी इमारतों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने की ये पहल दिल्ली सोलर पॉलिसी का हिस्सा है.
इस योजना के तहत 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले लगभग 645 दिल्ली सरकार और एमसीडी की इमारतों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. जिनमें शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, डीटीसी डिपो, दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड सबस्टेशन जैसी अन्य इमारतें शामिल हैं. ये प्रोजेक्ट सरकारी इमारतों को अपनी बिजली की जरूरतों को खुद पूरा करने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में फायदेमंद साबित होगा.
ग्रीन एनर्जी को मिलागा बढ़ावा
बता दें कि ग्रीन एनर्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के मकसद से 29 जनवरी, 2024 को कैबिनेट द्वारा दिल्ली सोलर पॉलिसी को पास किया था. दिल्ली सरकार ने 2027 तक शहर की 25% बिजली सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से उत्पन्न करने का टारगेट तय किया है. हालांकि, पिछले दिनों केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया था कि सोलर पॉलिसी 2024 को एलजी द्वारा रोक दिया गया है.
ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि एलजी साहब भाजपा की ओर से बैटिंग कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने इतनी प्रोगेसिव सोलर पॉलिसी 2024 की फाइल को रोक दिया है.
दिल्ली सोलर पॉलिसी 2024 का टारगेट
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जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं. चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा, और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन की दी गई क्लीन चिट भी शामिल है.'
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जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं. चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा, और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन की दी गई क्लीन चिट भी शामिल है.'
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