दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हथियार तस्कर गिरफ्तार, विदेश भागने की थी तैयारी
AajTak
सबसे बड़े हथियार सप्लायर जहीरुद्दीन को गाजियाबाद पुलिस ने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. जहीरुद्दीन के खिलाफ मेरठ, गाजियाबाद समेत कई शहरों में एफआईआर दर्ज है.
गाजियाबाद पुलिस ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए हथियार तस्कर का नाम जहीरुद्दीन है. पुलिस के मुताबिक जहीरुद्दीन अपने असली नाम से ही विदेश भागने के फिराक में था. जानकारी लगते ही गाजियाबाद पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कराया. लुकआउट नोटिस को एयरपोर्ट इमीग्रेशन ऑफिसर को भेज दिया गया था.
पुलिस के मुताबिक जहीरुद्दीन हथियारों का बहुत बड़ा सप्लायर है. यह अवैध हथियारों की फैक्ट्री चलाता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा, देश के दूसरे हिस्सों में भी हथियारों की सप्लाई करता है. जहीरूद्दीन पहले मुंगेर में कपड़े का व्यवसाय करता था. इसके बाद ये कपड़ों के साथ हथियार सप्लाई करने लगा. लेकिन 2016-17 में उसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही हथियार बनाना शुरू कर दिया. तस्कर जहीरुद्दीन आसपास के गैंग को भी हथियार सप्लाई करने लगा. पुलिस ने 2021 में मुरादनगर में इसकी एक हथियारों की फैक्ट्री पकड़ी थी, लेकिन जहीरुद्दीन हाथ से निकल गया. जहीरुद्दीन के खिलाफ मेरठ, गाजियाबाद समेत कई शहरों में एफआईआर दर्ज है.
दरअसल, तस्कर जहीरुद्दीन अपने असली पासपोर्ट से विदेश भागने की फिराक में था. गाजियाबाद पुलिस ने पहले से ही लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. लिहाजा जब जहीरुद्दीन एयरपोर्ट पहुंचा तो अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया. उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया. जिसके बाद एयरपोर्ट अधिकारियों ने गाजियाबाद पुलिस को जानकारी दी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.