
दिल्ली: अंतिम संस्कार के लिए लंबा हुआ इंतजार, लकड़ियां पड़ीं कम
The Quint
Delhi crematoriums long wait: दिल्ली:शव दाह के लिए करना पड़ रहा लंबा इंतजार,लकड़ियां हो रही खत्म, Delhi crematoriums long wait for last rites MCD Mayor writes to CM Kejriwal provide wood timely
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत के स्वास्थ्य सिस्टम को हिलाकर रख दिया है. ऑक्सीजन, बेड, दवाओं, इंजेक्शन की कमी के बाद अब जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां की भी कमी पड़ने लगी है. ऐसा देश की राजधानी दिल्ली में हो रहा है. उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखा और वन विभाग को निर्देश देने के लिए कहा कि वो श्मशान स्थलों पर जलाने वाली लकड़ी की सप्लाई करें. पिछले 3 दिनों से लगातार दिल्ली में 1000 के ऊपर मौतें हो रही हैं. और ये सिर्फ आधिकारिक आंकड़ा हैं. मौतें आधिकारिक आंकड़ों से काफी ज्यादा तादाद में हो रही हैं इस पर कई सारी रिपोर्ट्स आ चुकी हैं.उत्तरी दिल्ली का नगर निगम दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान स्थन निगमबोध घाट का कामकाज देखता है. निगमबोध घाट कश्मीरी गेट के पास मौजूद है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक श्मशान स्थल में काम करने वाले लोगों की कमी, खाली जगह की कमी और लकड़ियों की कमी के चलते शव लेकर आ रहे लोगों को बहुत ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है. आखिरी वक्त में भी लंबा इंतजारNDTV की रिपोर्ट के मुताबिक 27 अप्रैल को दिल्ली से लगे गाजीपुर इलाके में स्थित श्मशान स्थल के बाहर मृत कोविड मरीज के परिवारजन कागजी कार्रवाई के लिए इंतजार करते हुए मिले. परिवारजनों को लंबे वक्त तक श्मशाम घाट के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है.'दूसरे दिन तक इंतजार करना पड़ा'हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले युवा कारोबारी अमन अरोरा ने अपने पिता को 26 अप्रैल की शाम को खो दिया.जब मेरे पिता को असहज महसूस हुआ तो हम उन्हें लेकर कई सारे प्राइवेट हॉस्पिटल गए. किसी भी कर्मचारी ने उन्हें छुआ तक नहीं. उनका कहना था कि कोविड नेगेटिव रिपोर्ट होना चाहिए. लेकिन कुछ देर में मेरे पिता का निधन हो गया.अमन अरोरा, निवासी, पश्चिमी दिल्लीइसके बाद अमन दिल्ली के सुभाष नगर श्मशान स्थल में अंतिम संस्कार के लिए पता करने गए तो उन्हें दूसर दिन सुबह तक इंतजार करने के लिए कहा गया. इसके बाद अमन ने एक शव को रखने वाले फ्रिज का इंतजाम किया और दूसरे दिन का इंतजार किया. दूसरे दिन जब अमन श्मशान स्थल पहुंचे तब भी उन्हें इंतजार करना पड़ा.जाना पड़ा दूसरे श्मशान स्थल40 साल के मनमीत सिंह ने ...More Related News