
दस्तावेज़ों से हुआ ख़ुलासा, फेसबुक वीआईपी लोगों के लिए अलग नियम लागू करता है: रिपोर्ट
The Wire
अमेरिकी अख़बार वॉल स्टीट जर्नल द्वारा प्राप्त किए गए कंपनी के गोपनीय दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि फेसबुक ने क्रॉसचेक [XCheck] नाम से एक प्रोग्राम तैयार किया है, जो विभिन्न सेलिब्रिटीज़, नेताओं और पत्रकारों जैसे रसूख़दार लोगों को नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई से बचाता है.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कई मौकों पर दावा किया है कि फेसबुक अपने सभी यूजर्स को अभिव्यक्ति की आजादी का बराबर मौका देता है और इसके नियम हर किसी पर समान रूप से लागू होते हैं, भले ही व्यक्ति किसी भी पद पर हो या कितना भी लोकप्रिय हो.
हालांकि पर्दे के पीछे सब कुछ ऐसा नहीं है. हकीकत ये है कि कंपनी ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है जो हाई-प्रोफाइल यूजर्स की छंटनी कर उन पर कुछ या सभी नियम लागू होने से बचा लेता है.
अमेरिकी अखबार वॉल स्टीट जर्नल द्वारा प्राप्त किए गए कंपनी के दस्तावेजों से ये खुलासा हुआ है. इस प्रोग्राम को ‘क्रॉस चेक’ या ‘XCheck’ के नाम से जाना जाता है.
वैसे तो इसकी शुरुआत नामी यूजर्स जैसे कि विभिन्न सेलिब्रिटीज, नेताओं और पत्रकारों के एकाउंट्स को नियंत्रित करने के लिए किया गया था. हालांकि अब यह लाखों वीआईपी यूजर्स को उल्लंघन करने पर तमाम नियमों से बचाने वाले शील्ड या सुरक्षा कवच के रूप में तब्दील हो गया है.