दलित बेटी का ब्याह: पिता की गुहार पर SP ने भेजा पुलिस फोर्स, आजादी के बाद गांव में पहली बार घोड़ी चढ़ा दूल्हा
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UP News: एक पिता का आरोप था कि गांव के सवर्ण लोग कभी भी दलित की बेटे-बेटी की बारात में दूल्हे को घोड़ी नहीं चढ़ने देते. यह मामला सामने आते ही एसपी चक्रेश मिश्र ने 60 पुलिसकर्मी गांव के चप्पे-चप्पे पर लगा दिए और धूमधाम से बारात निकलवाई. परिवार अब पुलिस का धन्यवाद करते नहीं थक रहा.
UP News: सम्भल जिले के लोहावई गांव में देश की आजादी के बाद पहली बार दलित दूल्हा घोड़ी चढ़ा. मगर धूमधाम से बारात निकालने के लिए 5 दर्जन यानी 60 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया गया था. पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया था कि सुरक्षा नहीं दी गई तो गांव के सवर्ण बारात नहीं निकलने देते. हालांकि, अब दलित परिवार ने पुलिस को धन्यवाद कहा है. थाना जुनावई इलाके के गांव लोहावई में रहने वाले दलित बेटी के पिता ने सम्भल पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र को एक पत्र भेजा था. फरियादी राजू वाल्मिकी ने लिखा, गांव में सवर्ण समाज के लोग दलित बेटे या बेटी की बारात नहीं चढ़ने देते. यह परंपरा देश की आजादी के बाद भी खत्म नहीं हुई. अब उसकी बेटी रवीना की बारात बदायूं जनपद से आ रही है, और वह चाहता है कि बारात गांव में घोड़े-बाजे के साथ निकले. लोहावई एक सवर्ण बाहुल्य गांव है और यहां ऊंची जाति के लोग कभी भी दलित परिवार की शादी धूमधाम से नहीं होने देते हैं.
यह शिकायत मिलने पर एसपी चक्रेश मिश्रा के निर्देश पर 5 दर्जन पुलिसकर्मी, सीओ और दरोगा सहित गांव में पहुंच गए. आदेश अनुसार गुन्नौर के क्षेत्र अधिकारी आलोक सिद्धू, थाना जुनावई प्रभारी पुष्कर मेहरा और पथरिया चौकी प्रभारी लोकेंद्र कुमार त्यागी सहित उप निरीक्षक और महिला कांस्टेबल सहित 5 दर्जन पुलिसकर्मी पूरे गांव में चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे और वाल्मीकि समाज की बेटी की बरात पुलिस की मौजूदगी में सुरक्षा व्यवस्था के साथ शांतिपूर्वक निकाली गई.
पुलिस बल की मौजूदगी में बदायूं जनपद के पतीसा गांव से आया दूल्हा रामकिशन घोड़ी चढ़ा और बाराती भी गाजे बाजे के साथ नाचते हुए वधु पक्ष के दरवाजे पर पहुंचे. गांव में यह नजारा पहली बार दिखा जब किसी दलित के घर आई बारात में दूल्हा घोड़ी चढ़ा.
लड़की के पिता राजू और मां उर्मिला ने आरोपों में कहा, हमारे गांव में वाल्मीकि समाज के लोगों की बारात को सवर्ण लोग चढ़ने नहीं देते हैं. इसी को लेकर सम्भल पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र को पत्र लिखा गया था. हमारी बेटी की शादी पुलिस की सुरक्षा में हो गई. बारात भी निकल गई. हम पुलिस से बहुत खुश हैं.
गांव के मोहित कुमार ने बताया कि देश की आजादी के बाद आज यहां पर बारात चढ़ाई गई है. वाल्मीकि समाज के बहन बेटियों की बारात को निकलने नहीं दिया जाता था. हमने पुलिस अधीक्षक से इस शादी की बात कही तो पुलिस ने पूरी सुरक्षा दी. और शादी हुई. पुलिस का बहुत-बहुत धन्यबाद करते हैं.
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