दलित बच्चों के साथ स्कूल में भेदभाव, क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं
BBC
जाति आधारित भेदभाव के ख़िलाफ़ क़ानून होने और समानता की कोशिशों के बावजूद भेदभाव की ये घटनाएं रुकती क्यों नहीं?
अमेठी के एक सरकारी स्कूल में दलित बच्चों के साथ कथित तौर पर भेदभाव करने के आरोप में स्कूल की प्रिंसिपल को निलंबित करने के बाद उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हो गई है.
वहीं, स्कूल प्रिंसिपल का आरोप है कि उनके ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने साज़िश की है और अधिकारियों ने भी कार्रवाई करने से पहले उनकी बात नहीं सुनी.
अमेठी ज़िले के संग्रामपुर इलाक़े में गडेरी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में पिछले दिनों कुछ अभिभावकों ने आरोप लगया था कि विद्यालय की प्रिंसिपल कुसुम सोनी दलित समुदाय के बच्चों के साथ भेदभाव करती हैं और स्कूल में मिड-डे मील देते समय उन बच्चों की अलग लाइन लगवाई जाती है.
अमेठी के बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर अरविंद पाठक ने बीबीसी को बताया कि स्थानीय लोगों की शिकायत और प्रारंभिक जांच के आधार पर महिला प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई है.
बीएसए डॉक्टर अरविंद पाठक का कहना था, "शिकायत मिलने के बाद मैं ख़ुद, खंड विकास अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि इत्यादि के साथ गांव में गया था. वहां दस बारह महिलाएं और बच्चे भी थे. उन लोगों ने टीचर की कई शिकायतें कीं. जातिगत आधार पर भेदभाव, मिड डे मील के दौरान अलग-अलग लाइन लगवाना, बच्चों को मारने-पीटने जैसी शिकायतें थीं. इस आधार पर एफ़आईआर दर्ज कराई गई है."