
दर्द,घुटन,इंसानियत, जेल से दोस्तों को क्या लिख रहे थे फादर स्टेन स्वामी-12 कार्ड
The Quint
father stan swamy : 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी का निधन भीमा कोरेगांव मामले में अपने मुकदमे की सुनवाई का इंतजार करते करते 5 जुलाई को हो गया- अपने पीछे एक लिखित दस्तावेज छोड़ गए है ,father stan swamy memoir book letters from prison excerpts
'सच्चाई इतनी कड़वी, असहमति इतनी असहनीय, न्याय पहुंच से बाहर क्यों हो गया है?' क्योंकि सत्ता और पद पर बैठे लोगों के लिए सच्चाई बहुत कड़वी हो गई है, असहमति सत्ताधारी अभिजात वर्ग के लिए इतना अप्रिय, न्याय शक्तिहीन और वंचित लोगों की पहुंच से बाहर . फिर भी, सच बोलना चाहिए, असहमति के अधिकार को बरकरार रखा जाना चाहिए, और न्याय गरीबों के दरवाजे तक पहुंचना चाहिए. मैं मूक दर्शक नहीं हूं.84 वर्षीय जेसुइट पादरी ,फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) जिनका निधन भीमा कोरेगांव मामले में अपने मुकदमे की सुनवाई का इंतजार करते करते 5 जुलाई को हो गया- अपने पीछे एक लिखित दस्तावेज छोड़ गए हैं. इसे भारतीय सामाजिक संस्थान प्रशिक्षण केंद्र (आईएसआई-टीसी), बंगलुरु ने किताब के रूप में प्रकाशित किया है. 'आई एम नॉट ए साइलेंट स्पेक्टेटर' नामक यह किताब उनके जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों और महत्वपूर्ण मोड़ों का एक संग्रह है.पूरी किताब संस्थान की वेबसाइट पर देखी जा सकती है. तलोजा जेल से उनके मित्रों को उनके पत्रों और फोन कॉलों के कुछ अंश यहां दिए गए हैं, जिन्हें बाद में पुस्तक में जोड़ा गया. उन्होंने मुख्य रूप से अपने पुराने दोस्तों Fr. David Solomon SJ और Dr. Joseph Xavier SJ को लिखा था. Dr. Joseph आईएसआई-बी के निदेशक हैं और इस पुस्तक के प्रकाशक हैं.ADVERTISEMENTADVERTISEMENTADVERTISEMENTजेल में बिताये अपने समय पर विचार करते हुए, स्टेन स्वामी ने लिखा:(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...More Related News