त्रिपुरा हिंसा से जोड़कर UP का 5 महीने पुराना वीडियो वायरल
The Quint
Tripura Muslim Protest Fact check। उत्तर प्रदेश के बदायूं में पीर सालिमुल के निधन में आए लोगों का वीडियो त्रिपुरा में प्रोटेस्ट का बता शेयर। Video of people in funeral of Pir Salimul in Badaun, Uttar Pradesh, shared as Protest in Tripura
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है जिसमें भीड़ देखी जा सकती है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो त्रिपुरा (Tripura) के कदमतला में हुए प्रोटेस्ट का है जो त्रिपुरा में हाल में हुई हिंसा के बाद किया गया.हालांकि जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि ये वीडियो पुराना है और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं का है, जब हजारों लोग एक पीर सालिम के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे.ADVERTISEMENTदावावीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा जा रहा है, ''Today there is a huge protest rally from Kadamtala in Dharmanagar North Tripura district''(अनुवाद- आज उत्तर त्रिपुरा के धर्मनगर जिले के कदमतला से एक विशाल विरोध रैली है)ये वीडियो #SaveTripuraMuslims #SaveTripuraMosque हैशटैग के साथ शेयर किया जा रहा है.पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)ये वीडियो कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसी कैप्शन के साथ शेयर किया है, जिनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.पड़ताल में हमने क्या पायाहमने 'Hidnustani Voice for Justice' नाम के एक यूजर के इसी दावे के साथ अपलोड किए गए वीडियो को ध्यान से सुना. वीडियो में लोग 'पीर सालिम जिंदाबाद' के नारे लगाते सुने जा सकते हैं.हमने वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटकर 'पीर सालिम' कीवर्ड के साथ सर्च करके देखा. हमें 9 मई को यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. वीडियो का टाइटल था, ''हुजूर पीर सालिम उल कादरी साहब का आखिरी सफर".यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर 'हुजूर पीर सालिम उल कादरी के जनाजे में उमड़ी भीड़' कीवर्ड सर्च करके देखा. हमें Amar Ujala पर 11 मई को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली, जिसकी हेडलाइन थी, ''यूपी लॉकडाउन: बदायूं में जिला-ए-काजी के जनाजे में उमड़ी मुरीदों की भीड़, गाइडलाइन की उड़ीं धज्जियां, पुलिस ने की कार्रवाई''ये आर्टिकल 11 मई को पब्लिश हुआ था.(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Amar Ujala)ADVERTISEMENTआर्टिकल में बताया गया था कि बदायूं में दरगाह आलिया कादरिया के सज्जादा नशीन काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के निधन में इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की भी जगह नहीं थी.इसके अलावा, Indian Express और Aaj Tak में भी हमें इससे जुड़ी खबरें मिलीं. जिनके मुताबिक सालिम उल कादरी का निधन 9 मई को हुआ, जिसके बाद उनके जनाजे में शामिल होने के लिए हजारों की भीड़ वहां पहुंच गई. ये आर्टिकल 10 मई को पब्लिश हु...