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त्रिपुरा हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र जांच का अनुरोध कर रहे वकील से हाईकोर्ट जाने को कहा
The Wire
याचिकाकर्ता वकील एहतेशाम हाशमी के ख़िलाफ़ त्रिपुरा पुलिस ने पिछले साल राज्य में हुई हिंसा पर उनकी रिपोर्टिंग के लिए कठोर गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है. हाशमी ने एसआईटी द्वारा जांच की मांग की है, जिसमें एक मस्जिद को नष्ट करने सहित मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं को दरकिनार करने में पुलिस और त्रिपुरा सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाया गया है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने त्रिपुरा में पिछले साल हुई हिंसा की कथित घटनाओं की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच का अनुरोध करने वाले दिल्ली के एक वकील को राज्य के हाईकोर्ट का रुख करने की अनुमति दे दी, जहां इसी तरह के एक विषय की सुनवाई लंबित है.
याचिकाकर्ता वकील एहतेशाम हाशमी के खिलाफ त्रिपुरा पुलिस ने पिछले साल राज्य में हुई हिंसा पर उनकी रिपोर्टिंग के लिए कठोर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है. हाशमी को राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की आशंका थी, इसलिए उन्होंने शीर्ष अदालत का रुख किया था.
शीर्ष अदालत ने त्रिपुरा पुलिस को कोई भी ‘प्रारंभिक कदम’ नहीं उठाने का आदेश दिया, हाईकोर्ट के समक्ष उनकी उपस्थिति में बाधा डाल सकती है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने हाशमी के त्रिपुरा हाईकोर्ट में उपस्थित (सशरीर) होने का विकल्प चुनने की स्थिति में उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया.