त्रिपुरा हिंसाः दो महिला पत्रकारों को हिरासत में लिया गया, एडिटर्स गिल्ड ने जताया विरोध
BBC
त्रिपुरा में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा की रिपोर्टिंग के लिए वहाँ पहुँचीं दो महिला पत्रकारों को असम पुलिस ने त्रिपुरा से लगी सीमा के पास रविवार को हिरासत में ले लिया जिसकी आलोचना हो रही है.
त्रिपुरा में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा की रिपोर्टिंग के लिए वहाँ पहुँचीं दो महिला पत्रकारों को असम पुलिस ने त्रिपुरा से लगी सीमा के पास रविवार को हिरासत में ले लिया जिसकी आलोचना हो रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार दोनों राज्यों की पुलिस ने बताया कि समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा नाम की एचडब्लू न्यूज़ नेटवर्क की इन महिला पत्रकारों को असम के करीमगंज ज़िले में नीलम बाज़ार से हिरासत में लिया गया.
उनकी संस्था की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि दोनों पत्रकारों के नाम त्रिपुरा के फ़टिकरॉय थाने में लिखी गई एक एफ़आईआर में दर्ज है. इसे विश्व हिन्दू परिषद के एक समर्थक की शिकायत पर दर्ज किया गया जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग से त्रिपुरा सरकार की छवि ख़राब की है. कंचन दास नाम के एक शख़्स ने आरोप लगाया है कि समृद्धि साकुनिया और स्वर्णा झा उन्नाकोटि ज़िले के पॉल बाज़ार में मुसलमान समुदाय के लोगों से मिलने गईं और वहां हिंदुओं और त्रिपुरा सरकार के खिलाफ़ 'भड़काऊ बातें कहीं'.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, त्रिपुरा के आईजी (कानून व्यवस्था) अरिंदम नाथ ने कहा, '' त्रिपुरा पुलिस ने दो महिला पत्रकार समृद्धि साकुनिया और स्वर्णा झा के खिलाफ़ कई मामले दर्ज किए हैं और उन्हें सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से झूठी और मनगढ़ंत खबरें छापने और प्रसारित करने के कारण हिरासत में लिया गया है.''
पुलिस ने कहा है कि त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक घटनाओं के परिणामस्वरूप अमरावती और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में हाल में हुई हिंसा से ये स्पष्ट हो गया है कि कुछ लोग निहित स्वार्थ के लिए त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.