
त्रिपुराः राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- हिंसा पर फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट ‘प्रायोजित’
The Wire
त्रिपुरा में बीते साल हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम के सदस्यों में एक वकील एहतेशाम हाशमी की याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि रिपोर्ट एकतरफा है और इसमें घटनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
नई दिल्लीः त्रिपुरा सरकार ने पिछले साल राज्य में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर वकीलों और अधिकार संगठनों की एक टीम की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट को ‘प्रायोजित और स्वयं के हितों को साधने’ वाली करार दिया.
सरकार ने राज्य में हुई हिंसा की घटनाओं की स्वतंत्र जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले याचिकाकर्ताओं के ‘चुनिंदा आक्रोश’ पर भी सवाल उठाया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा, ‘कुछ महीने पहले पश्चिम बंगाल में चुनाव पूर्व और चुनाव बाद सांप्रदायिक घटनाएं हुईं. याचिकाकर्ताओं की तथाकथित जनभावना इतने बड़े पैमाने पर हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर नहीं हिली लेकिन अचानक त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य में कुछ घटनाओं की वजह से यह जनभावना हिलोरे मार रही है.’
राज्य सरकार ने कहा कि वह यह बात याचिकाकर्ताओं के ‘चुनिंदा आक्रोश’ को बचाव के रूप में नहीं बल्कि जनहित के लिए अदालत को संतुष्ट करने के लिए उजागर कर रही है.