
तेलंगाना में इस बार हैट्रिक से चूक गए केसीआर, जानिए कैसा रहा सियासी करियर
AajTak
तेलंगाना में बीआरएस की हार पार्टी के प्रभाव का विस्तार करने और राष्ट्रीय उपस्थिति दर्ज करने की राव की महत्वाकांक्षाओं पर करारा झटका है. केसीआर के नाम से मशहूर राव ने पिछले साल अपनी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया था.
बीआरएस सुप्रीमो के.चंद्रशेखर राव को तीसरा कार्यकाल नहीं मिला. उनकी पार्टी विधान सभा चुनावों में पिछड़ गई. के.चंद्रशेखर राव ने अलग तेलंगाना आंदोलन का नेतृत्व किया और 2001 से अपनी पार्टी को महत्वपूर्ण जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. तेलंगाना में बीआरएस की हार पार्टी के प्रभाव का विस्तार करने और राष्ट्रीय उपस्थिति दर्ज करने की राव की महत्वाकांक्षाओं पर करारा झटका है. केसीआर के नाम से मशहूर राव ने पिछले साल अपनी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया था. उन्होंने बीआरएस की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए पड़ोसी महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया.
कांग्रेस समर्थक के रूप में तेलंगाना गौरव का प्रतीक बनने तक, केसीआर ने राज्य और केंद्र की राजनीति की जटिलताओं को कुशलता से पार किया. उन्हें सबसे पहले 2014 में तेलंगाना के गठन के साथ प्रसिद्धि मिली, इसके बाद 2014 और 2018 के विधानसभा चुनावों में लगातार जीत मिली. राव ने इस साल अगस्त में 30 नवंबर की मतदान की तारीख से काफी पहले 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए 115 उम्मीदवारों की घोषणा करके एक प्रारंभिक पहल की. हालांकि, यह रणनीति उल्टी पड़ गई.
केसीआर पर अक्सर वंशवादी शासन, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. ऐसा लगता है कि ये आरोप मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय रहे. चिंतामडका गांव के रहने वाले 69 वर्षीय नेता ने भारतीय युवा कांग्रेस के एक साधारण सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की.
राव 1983 में फिल्म आइकन एन टी रामा राव द्वारा स्थापित तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो गए. जबकि उसी वर्ष उनके पहले चुनावी प्रयास में सिद्दीपेट में कांग्रेस उम्मीदवार से हार हुई, उन्होंने 1985 में जीत हासिल की और अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा. राव ने करीमनगर, मेडक और महबूबनगर लोकसभा सीटों पर पांच बार जीत हासिल की, जिसमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं.
एनटीआर सरकार में मंत्री और बाद में अपने दामाद एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार में मंत्री बनने के बाद राव ने आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. तेलंगाना के प्रति नायडू के पूर्वाग्रह का हवाला देते हुए राव 2001 में टीडीपी से अलग हो गए. उन्होंने 1960 के दशक के अंत से निष्क्रिय पड़े राज्य आंदोलन को पुनर्जीवित करते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति की स्थापना की.
कांग्रेस के साथ गठबंधन करके और तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने का वादा करते हुए, उन्होंने उनके साथ गठबंधन में 2004 का लोकसभा चुनाव लड़ा. पांच सीटें सुरक्षित करते हुए राव केंद्र में कैबिनेट मंत्री बने, लेकिन अंततः तेलंगाना बनाने में कांग्रेस की ईमानदारी की कमी का आरोप लगाते हुए, उन्होंने अपनी राहें अलग कर लीं. 2009 के विधानसभा चुनावों में टीडीपी ने तेलंगाना के गठन के लिए "बिना शर्त समर्थन" का वादा करने के बाद टीडीपी के साथ गठबंधन किया.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

झारखंड के पलामू में हुए एनकाउंटर में कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू की मौत के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किया है. अनमोल ने अमन को अपना भाई बताते हुए लिखा कि जल्द ही सबका हिसाब होगा. अनमोल बिश्नोई पहले से ही मुंबई के बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और सलमान खान के घर फायरिंग मामले में वांटेड है.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

महाराष्ट्र के पालघर में एक सूटकेस से महिला का कटा हुआ सिर मिलने से सनसनी फैल गई. यह घटना पिरकुंडा दरगाह के पास हुई, जहां कुछ स्थानीय बच्चों ने लावारिस सूटकेस को देखा था. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी. फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है, जो सबूत इकट्ठा करने में जुटी हुई है.

लद्दाख के कारगिल में शुक्रवार तड़के 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर तक महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 2:50 बजे आया और इसकी गहराई 15 किलोमीटर थी. झटके इतने तेज थे कि लोगों की नींद खुल गई और कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.

बॉलीवुड के 'परफेक्शनिस्ट' आमिर खान अपना 60वां जन्मदिन (14 मार्च ) मना रहे हैं, लेकिन क्या आपको उनके 90s के कुछ अनदेखे किरदार याद हैं? कभी गैंगस्टर, कभी क्रिकेटर तो कभी संपेरा.. आमिर ने अपने शुरुआती दौर में ऐसे किरदार निभाए जिन्हें देखकर पहचानना मुश्किल होगा! तो चलिए एक नजर डालते हैं 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' के अनदेखे किरदारों पर!