तेज प्रताप पर कार्यकर्ता की पिटाई का आरोप, तेजस्वी ने बोले-सही समय पर सही कदम उठाएंगे
AajTak
तेज प्रताप द्वारा पार्टी कार्यकर्ता की पिटाई पर तेजस्वी ने बयान दिया है. तेजस्वी ने कहा कि सही समय आने पर सही कदम उठाया जाएगा. उन्होंने पत्रकारों को भेजे गए मानहानि के नोटिस पर भी जवाब दिया.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव के पार्टी कार्यकर्ता पर कथित हमले के विवाद पर शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि 'उचित समय' पर 'उचित कदम' उठाया जाएगा. विपक्षी नेता ने बड़े भाई द्वारा कई पत्रकारों को भेजे गए मानहानि के नोटिस को "व्यक्तिगत" मामला बताया और कहा कि जिन लोगों ने कुछ गलत नहीं किया है, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.
एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के संस्थापक लालू प्रसाद के छोटे बेटे ने संगठन के सदस्यता अभियान के तहत देर शाम राजद के राज्य मुख्यालय के बाहर पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि हम मौजूदा समय में सदस्यता अभियान में व्यस्त हैं. लेकिन जो लोग मुझे अच्छी तरह से जानते हैं, वे जानते हैं कि तेजस्वी यादव उचित समय पर एक उचित कदम उठाते हैं.
पार्टी कार्यकर्ता रामराज की पिटाई पर उन्होंने कहा कि इस मामले के बारे में मैंने अपने भाई के साथ-साथ रामराज से बात की है.बता दें कि रामराज ने आरोप लगाया था कि तेज प्रताप उन्हें एक सुनसान कमरे में ले गए और उनके गुर्गों ने उनके कपड़े उतार दिए और उनके साथ मारपीट की और पूरे प्रकरण का एक वीडियो राजद नेता ने अपने मोबाइल फोन पर शूट किया.
हालांकि, तेजस्वी ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि मामले में दोनों पक्षों से बात करने के बाद उनका निष्कर्ष क्या था. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम से तेज प्रताप द्वारा नौ पत्रकारों को 50 करोड़ रुपये के हर्जाने के लिए भेजे गए मानहानि नोटिस के बारे में तेजस्वी ने कहा, 'यह (तेज प्रताप का) निजी मामला है. मैं कहता हूं डरने की क्या बात है? अगर पत्रकारों ने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें निडर होकर नोटिस का जवाब देना चाहिए'. तेजस्वी ने ऐसे समय में अपनी बात रखी है, जब पार्टी अपने सुप्रीमो लालू प्रसाद के आने का इंतजार कर रही है, जिन्हें चारा घोटाले के मामलों में जमानत पर रिहा कर दिया गया है. फिलहाल वह चिकित्सकीय देखरेख के लिए नई दिल्ली में हैं. रामराज द्वारा आरोपों के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद तेज प्रताप ने घोषणा की थी कि वह अपने पिता से मिलने पर अपना इस्तीफा सौंप देंगे.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.