तेज़ी से झूला झूलते वक़्त हम चीखते क्यों हैं?
BBC
अमेरिका में थीम पार्क खुलने वाले हैं. कोरोना की वजह से लोगों को सलाह दी गई है कि वो कम चिल्लाएँ. पर क्या आप चिल्लाने पर काबू पा सकते हैं?
"मैं बहुत डरी हुई थी लेकिन मैं उस अनुभव को हाथ से जाने भी नहीं देना चाहती थी. मैं वहां रही भले ही मैंने ज़्यादातर समय अपनी आंखें बंद ही रखीं. मैं ये भी सोच रही थी कि मैं ये दोबारा नहीं करने वाली हूं." आठ साल की एलेक्ज़ेन्ड्रा मेंडोज़ा ने रोलरकोस्टर की सवारी करते हुए ये कसम खाई थी. लेकिन, बाद में वो इस कसम पर कायम नहीं रह सकीं और वो भी एक बार नहीं बल्कि बार-बार. उनके रोलरकोस्टर के अनुभव ने उनमें आढ़े-टेढ़े रास्तों की सवारी, सांसें थामने वाली ऊंचाई और झटका देने वाली ढलानों के लिए ज़बरदस्त जुनून पैदा कर दिया. रोलरकोस्टर पर सवार एलेक्ज़ेन्ड्रा इसका मज़ा तो उठाती हैं लेकिन ज़ोर से चीखती भी हैं. अमेरिका के बड़े थीम पार्क इस महीने के अंत में खुलने वाले हैं. कैलिफॉर्निया में रोलरकोस्टर पर झूलने वालों को अपने उत्साह पर काबू रखने और कम चीखने-चिल्लाने के लिए कहा गया है ताकि इससे कोविड-19 वायरस फैलने के जोखिम को कम किया जा सके. लेकिन, क्या कोई अपने चीखने पर काबू कर सकता है, क्या रोमांच चाहने वाले चीखे बिना रह सकते हैं और हम बेहद मज़ेदार पलों में चीखते क्यों हैं?More Related News