
तेजस्वी यादव ने मानहानि मामले में खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, पढ़ें- आवेदन में क्या-क्या कहा
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बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. साथ ही गुजरात की अहमदाबाद कोर्ट को सूचित कर दिया है. तेजस्वी यादव ने अहमदाबाद अदालत में उपस्थिति से छूट मांगी. कोर्ट ने उन्हें उनकी कथित टिप्पणी "केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं" के लिए आपराधिक मानहानि मामले में 22 सितंबर को तलब किया था.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को गुजरात की अहमदाबाद कोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले को ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और इस मामले पर 6 नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता ने अपने वकील के माध्यम से अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की कोर्ट में उपस्थिति से छूट मांगी, कोर्ट ने तेजस्वी की कथित टिप्पणी "केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं" के लिए आपराधिक मानहानि मामले में 22 सितंबर को तलब किया था. कोर्ट ने मामले को स्थगित कर दिया और कोर्ट 2 दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगी.
शिकायतकर्ता के वकील हरेश मेहता ने तर्क दिया था कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक नहीं उठाया है और कोई निर्देश पारित नहीं किया गया है, इसलिए निचली अदालत को तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति में भी मामले की सुनवाई जारी रखनी चाहिए. आरजेडी नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट से प्राप्त मामले की स्थिति के अनुसार स्थानांतरण याचिका 6 नवंबर को अस्थायी रूप से सूचीबद्ध है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि वह एक कानून का पालन करने वाले नागरिक और बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और आमतौर पर पटना में अपने आधिकारिक पते पर रहते हैं. आवेदन में कहा गया है कि आवेदक-अभियुक्त आवश्यक आधिकारिक प्रतिबद्धताओं के कारण इस अदालत के समक्ष आगे की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सका है, जिसमें आम जनता के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं की देखरेख शामिल है, जो आगामी धार्मिक उत्सवों के मद्देनजर जरूरी.
तेजस्वी यादव ने कहा कि शीर्ष अदालत के समक्ष उनकी स्थानांतरण याचिका पर 6 नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है और मांग की कि आगे की कार्यवाही उनके वकील की उपस्थिति में की जाए और इस संबंध में कोई आपत्ति न की जाए.
कोर्ट ने CrPC की धारा 202 के तहत तेजस्वी यादव के खिलाफ जांच की थी और अहमदाबाद के 69 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता और व्यवसायी मेहता द्वारा दायर शिकायत के आधार पर उन्हें समन किया था. मेहता ने इस साल 21 मार्च को पटना में दिए गए यादव के बयान के सबूत के साथ अदालत में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी.

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