
तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने यहां इस्लाम का हवाला क्यों दिया?
BBC
अर्दोआन ने अपनी आलोचनाओं का जवाब देते हुए रविवार को कहा था, ''एक मुसलमान होने के नाते इस्लामिक क़ानून हमें जो इजाज़त देता है, वही करूंगा. मैं यह करना जारी रखूंगा. इस्लामिक क़ानून यही है.''
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन इन दिनों अपनी अर्थव्यवस्था में कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं. पहले उन्होंने बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरों में कटौती जारी रखी.
इस कटौती को उन्होंने इस्लाम और ख़ुद के मुसलमान होने से भी जोड़ा. दरअसल, ब्याज दरों में कटौती के कारण तुर्की की मुद्रा लीरा डॉलर के मुक़ाबले औंधे मुँह गिरने लगी. एक साल पहले एक डॉलर के लिए 7.5 लीरा देना होता था, पर अब दोगुना देना पड़ रहा है. लीरा में गिरावट के कारण जब अर्दोआन देश में घिरे तो उन्होंने पिछले हफ़्ते रविवार को अपनी नीतियों को इस्लाम से जोड़ दिया.
अर्दोआन ने अपनी आलोचनाओं का जवाब देते हुए रविवार को कहा था, ''वे कह रहे हैं कि हम ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं. मैं उनसे कहना चाहता हूँ कि मुझसे आप यही उम्मीद कर सकते हैं. एक मुसलमान होने के नाते इस्लामिक क़ानून हमें जो इजाज़त देता है, वही करूंगा. मैं यह करना जारी रखूंगा. इस्लामिक क़ानून यही है.''
तुर्की में नवंबर में वार्षिक महंगाई दर 21 फ़ीसदी पहुँच गई थी. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ये अभी और ऊपर जाएगी. अगले नौ महीनों में महंगाई दर 30 फ़ीसदी तक पहुँचने की आशंका है.