![तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन के 300 दिन पूरे](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2021/09/Farmers-Protest-PTI-1.jpg)
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन के 300 दिन पूरे
The Wire
दिल्ली की सीमाओं पर कृषि क़ानूनों के खि़लाफ़ किसानों के आंदोलन की अगुवाई रह रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से देश की खाद्य एवं कृषि प्रणाली पर उद्योग घरानों के क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज करा रहे हैं. उनकी मांगें स्पष्ट हैं, जिसकी जानकारी मोदी सरकार को है और जो हठपूर्वक किसानों की जायज़ मांगों को नहीं मानने पर अड़ी है.
नई दिल्ली: केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन के प्रदर्शन को बुधवार को 300 दिन पूरे हो गए. इस मौके पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान जारी कर कहा कि यह आंदोलन देश के लाखों किसानों की इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता का सबूत है और ये और दृढ हुई है. Acc to Modi govt the laws are to benefit the farmers by increasing their income and additional choices to sell their produce.But, mistakenly these are for the only good of corporates#300DaysOfFarmersProtest pic.twitter.com/zFLjO8dxxv Last year in Sept, 3 Farm Laws were enacted for the good of the farmersHowever, none of the 'real farmers' accepted instead raised voice thru' ongoing protestUntil when will our farmers stay on fight fr themselves bcz f merciless attitude f Modi govt?#300DaysOfFarmersProtest pic.twitter.com/8XUQmd6Fsk PM Modi is not at all A True Leader. Its been 299 days during which over 600 farmers hv lost their precious livesShame on Modi govt for ignoring nation's people fr a few wealthy corporates#हर_किसान_मोदी_से_परेशान pic.twitter.com/PJVNx5F9Lp
किसान मोर्चा ने कहा, ‘किसानों को दिल्ली की सीमा पर रहने को मजबूर किए जाने के बाद से 300 दिन पूरे हो गए हैं. प्रदर्शनकारी किसान शांतिपूर्ण तरीके से देश की खाद्य एवं कृषि प्रणाली पर उद्योग घरानों के कब्जे के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं. उनकी मांगें स्पष्ट हैं, जिसकी जानकारी मोदी सरकार को है और जो हठपूर्वक किसानों की जायज मांगों को नहीं मानने पर अड़ी है.’ — Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) September 22, 2021 — Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) September 22, 2021 — Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) September 21, 2021
मोर्चा ने आगे कहा, ‘यह स्थिति तब है, जब देश के कामगारों में किसानों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है और हमारे लोकतंत्र में चुनाव मुख्यत: किसानों द्वारा किए जाने वाले मतदान से जीते जाते हैं.’
बयान के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को मजबूत करने और पूरे देश में व्यापक बनाने का संकल्प लिया. इसके साथ ही मोर्चा की ओर से 27 सितंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ की भी तैयारियां की जा रही हैं.