
तालिबान पर रूस, चीन और पाकिस्तान एक तरफ़, भारत के रुख़ में बदलाव के संकेत -प्रेस रिव्यू
BBC
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क़तर से भारत के लिए भेजे गए तालिबान के नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकज़ई के संदेश पर नई दिल्ली के रुख़ में भी बदलाव के संकेत देखे जा रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत अफ़ग़ानिस्तान में उभर रही नई सत्ता के ढांचे पर नज़र रखे हुए है. अधिकारियों ने अख़बार को बताया है कि तालिबान के आने से काफ़ी पहले भारत को रूस ने आगाह किया था कि अफ़ग़ानिस्तान को लेकर रुख़ बदलने की ज़रूरत आ गई है. चीन ने 28 जुलाई को ही अपना स्टैंड सार्वजनिक कर दिया था. उसके विदेश मंत्री वांग ली ने तियानजिन में तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर से मुलाकात के बाद कहा था, "अफ़ग़ान तालिबान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और मिलिट्री ताक़त है और देश में शांति और पुनर्निमाण की प्रक्रिया में इससे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है." काबुल पर तालिबान का नियंत्रण स्थापित होने के चार दिन पहले 11 अगस्त को अफ़ग़ानिस्तान के मुद्दे पर रूस, चीन, पाकिस्तान और अमेरिका के प्रतिनिधि क़तर की राजधानी दोहा में मिले. भारत को इस वार्ता में जगह नहीं मिली और ये बात अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति पुतिन के विशेष दूत ज़ामिर काबुलोव के बयान से स्पष्ट भी होगा. 20 जुलाई को रूसी समाचार एजेंसी तास ने ज़ामिर काबुलोव के हवाले से कहा कि भारत इस वार्ता में इसलिए शामिल नहीं हो पाया क्योंकि तालिबान पर उसका कोई प्रभाव नहीं है.More Related News