तालिबान ने कश्मीर के मुसलमानों के बारे में जो कुछ कहा, उसका असली मतलब क्या है?
BBC
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन का ये कहना कि उनके पास भी कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज़ उठाने का अधिकार है, इस पर कश्मीर और कश्मीर के बाहर से प्रतिक्रियाएं आई हैं.
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन का ये कहना कि उनके पास भी कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज़ उठाने का अधिकार है, इस पर कश्मीर और कश्मीर के बाहर से प्रतिक्रियाएं आई हैं. दोहा से बीबीसी के साथ ज़ूम पर बात करते हुए शाहीन ने कहा था, "एक मुसलमान के तौर पर, भारत के कश्मीर में या किसी और देश में मुस्लिमों के लिए आवाज़ उठाने का अधिकार हमारे पास भी है. हम आवाज़ उठाएँगे और कहेंगे कि मुसलमान आपके लोग हैं, आपके देश के नागरिक हैं. आपके क़ानून के मुताबिक़ उन्हें समान अधिकार प्राप्त हैं." उन्होंने अमेरिका के साथ हुए दोहा समझौते की बात करते हुए कहा कि किसी भी देश के ख़िलाफ़ सशस्त्र अभियान चलाना उनकी नीति का हिस्सा नहीं है. उन्होंने दावा किया कि ताबिलान अफ़गानिस्तान में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ नहीं हैं. शाहीन के बयान पर श्रीनगर में राजनीतिक विश्लेषक बशीर मंज़र ने कहा, "आज का भारतीय मुसलमान सहमा हुआ है. हो सकता है कि ऐसे में तालिबान भारत से कह रहे हों कि आप अपने अल्पसंख्यकों का ध्यान रखिए और हमें अपने अल्पसंख्यकों का ख़याल रखने दीजिए."More Related News