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तालिबान के डर से छिपी हुई हैं अफ़ग़ानिस्तान की महिला क्रिकेट खिलाड़ी
BBC
तालिबान ने पुरुष क्रिकेट टीम का समर्थन किया है, उन्हें ऑस्ट्रेलिया के साथ नवंबर में अपना पहला टेस्ट मैच खेलने की अनुमति भी दे दी गई है, लेकिन महिला खिलाड़ियों की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं.
एसेल समेत अफ़ग़ानिस्तान की महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम की कई खिलाड़ी ख़ुद को छुपा रही हैं. एसेल उनका असली नाम नहीं है. काबुल में तालिबान के सदस्यों की नज़र अफ़ग़ानिस्तान की महिला क्रिकेट टीम पर है. एसेल कहती हैं कि जो भी महिलाएँ क्रिकेट या अन्य खेल खेलती हैं, वे अब सुरक्षित नहीं हैं. काबुल में हालत बहुत ही बुरे हैं. एसेल कहती हैं, ''हमलोग वॉट्सऐप ग्रुप पर हर रात अपनी समस्याओं और साझा योजनाओं पर बात करते हैं. हमें क्या करना चाहिए, इसे लेकर सबसे ज़्यादा बात होती है. हस सभी नाउम्मीद हैं.'' पिछले महीने के दूसरे हफ़्ते में तालिबान ने काबुल में दस्तक दी, तभी से एसेल घर से बाहर नहीं निकल पाई हैं. अपना क्रिकेट किट भी हटा दिया है. एसेल बताती हैं कि कैसे उनकी एक साथी को काबुल में निशाना बनाया गया. एसेल कहती हैं, ''जिस गाँव में क्रिकेट खेलते हैं, वहाँ तालिबान के साथ काम करने वाले कुछ लोगों के बारे में पता है. जब तालिबान ने काबुल को अपने नियंत्रण में लिया, तो उन्होंने धमकी दी. उन्होंने कहा कि अगर फिर से क्रिकेट खेला तो मौत के घाट उतार दिए जाएँगे.''More Related News