
तालिबान के उठा ले जाने से बेहतर मरना है: एक हज़ारा छात्रा की आपबीती
BBC
काबुल यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बीबीसी को बताया कि कैसे वो अपनी बीती ज़िंदगी के सभी निशान मिटा रही हैं.
ये काबुल में यूनिवर्सिटी के छात्रों के नए सत्र के लिए तैयार होने का वक़्त है. लेकिन जब से तालिबान लड़ाके यहां सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं, कई छात्र अपने अब तक के जीवन के सबूतों को नष्ट करने में लगे हैं. ये महिला छात्र सताए गए उस हज़ारा अल्पसंख्यक समुदाय की सदस्य हैं जिसे हाल के वर्षों में तालिबान के हाथों अपहरण और हत्याओं का सामना करना पड़ा है. इन्होंने बीबीसी से बात की. वो बीबीसी को बताती हैं कि कैसे वो सपने बुन रही थीं लेकिन अब उनके लिए वो डर में बदल गए हैं. कुछ दिनों में उनके अस्तित्व का भविष्य तय हो जाएगा. उन्होंने जो कुछ बीबीसी से कहा... पढ़िए उनकी ज़ुबानी.More Related News