
तालिबान के अतीत का जुूल्मभरा शासनकाल: महिलाओं पर थी कई कड़ी पाबंदियां, गैर-मुसलमानों के लिए था अलग ड्रेस कोड
ABP News
बहुत से लोगों को भय है कि तालिबान शासन आने के बाद महिलाओं और जातीय अल्पसंख्यकों की आजादी समाप्त हो जाएगी और पत्रकारों और गैर सरकारी संगठनों के काम करने पर पाबंदियां लग जाएंगी.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान ने देश में शांति का नया युग लाने का वादा किया है, लेकिन अफगान इससे आश्वस्त नहीं हैं और उनके दिलों में तालिबान का पुराना बर्बर शासन लौटने का भय है. जिन लोगों को तालिबान का शासन याद है और जो लोग तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में रह चुके हैं वे तालिबान के भय से वाकिफ हैं. जिन इलाकों में तालिबान ने हाल में कब्जा किया है वहां सरकारी कार्यालय, दुकानें, स्कूल आदि अब भी बंद हैं और नागरिक छिपे हुए हैं या फिर राजधानी काबुल जा रहे हैं. जानिए 20 साल पहले तालिबान के दौर में अफगानिस्तान में कैसा शरिया कानून लागू था. देश में तालिबान के कट्टर शरिया शासन लौटने की आहटेंMore Related News