तालिबान की वापसी से दहशत में अफगानिस्तान का 'यंगिस्तान', अंधेरे में अफगानी युवाओं का जीवन
ABP News
अफगानिस्तान की जनसंख्या करीब 4 करोड़ है. इसमें ज्यादातर युवा आबादी है, जिन्होंने कभी तालिबान का राज देखा ही नहीं. तालिबान के आने के बाद अफगानिस्तान का यह यंगिस्तान आजादी के साथ जिंदगी नहीं जी पाएगा.
नई दिल्ली: जीत खुशियां देती है लेकिन आतंक की मार इंसानियत को हरा देती है. आज से अफगानिस्तान में आतंकी राज का आगाज हो गया है. आज के बाद अफगानिस्तान और यहां के लोगों का जीवन बदल जाएगा. तालिबान ने सत्ता पर कब्जा करते ही अपना वही पुराना चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है. काबुल में फायरिंग की तस्वीरें गवाह हैं कि तालिबान ना बदला है और ना बदलेगा. आज से 25 साल पहले 1996 में तालिबान ने पहली बार अफगानिस्तान पर कब्जा किया था. इस दौरान तालिबान ने पूरे देश में इस्लामी कानून शरिया को लागू कर दिया. इसमें महिलाओं के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी और महिलाओं को पश्चिमी कपड़े पहनने की इजाजत नहीं देने जैसे कानून हैं.More Related News