![तालिबान की तिजोरी खाली, अमेरिका सख़्त; पाकिस्तान, तुर्की, यूरोप तक आँच, चीन-रूस से बनेगी बात](https://ichef.bbci.co.uk/news/1024/branded_hindi/D43F/production/_121153345_7bee8e89-a8fb-49d1-83b0-5185ddc894fa.jpg)
तालिबान की तिजोरी खाली, अमेरिका सख़्त; पाकिस्तान, तुर्की, यूरोप तक आँच, चीन-रूस से बनेगी बात
BBC
अमेरिका ने तालिबान को ज़ब्त रकम देने से इनकार कर दिया है. इस बीच आईएमएफ़ ने आगाह किया कि अगर आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी तो अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसियों के साथ तुर्की और यूरोप को भी झटका लगेगा.
तालिबान के कब्ज़े के बाद से आर्थिक संकट में घिरे अफ़ग़ानिस्तान की आर्थिक चुनौतियां आने वाले दिनों में और भी गंभीर हो सकती है. अमेरिका ने एक बार फिर साफ़ कर दिया है कि उसका तालिबान के 'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं है.
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने चेतावनी दी है कि अगर अफ़ग़ानिस्तान को तुरंत सहायता नहीं मिली तो स्थिति 'बेहद गंभीर' हो सकती है और अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक संकट का असर पाकिस्तान, ताजिकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से लेकर तुर्की और यूरोप तक की मुश्किल बढ़ा सकता है.
अफ़ग़ानिस्तान को काफी बड़ी मात्रा में विदेशी सहायता मिलती थी. ब्रिटेन की सरकार का अनुमान है कि ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट) देशों ने साल 2001 से 2019 के बीच अफ़ग़ानिस्तान को 65 अरब अमेरिकी डॉलर का दान किया था.
कारोबारी रास्ते से इसमें से एक बड़ी रकम ईरान, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान तक पहुंची थी. अब इन देशों तक कारोबारी फ़ायदा तो नहीं ही पहुंच रहा है, आशंका ये है कि अफ़ग़ानिस्तान के बदहाल होने से इनकी परेशानी खासी बढ़ सकती है.