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तालिबानी सरकार के एलान के बाद अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आया भारत का पहला बयान, जानिए क्या कहा
ABP News
विदिशा मैत्रा ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, भारत केवल हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म का जन्म स्थान नहीं है बल्कि ऐसी भूमि भी है जहां इस्लाम, यहूदी, इसाई और पारसी धर्म की शिक्षाओं की मजबूत जड़ें हैं.
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के एलान के बाद अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का पहला बयान आया है. संयुक्त राष्ट्र में शांति की संस्कृति पर आयोजित बैठक में भारत ने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि वैश्विक महामारी में भी असहिष्णुता, हिंसा और आतंकवाद में बढ़ोतरी देखी जा रही है. आतंकवाद धर्मों और संस्कृतियों का भी विरोधी है. धर्म का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों और उनका समर्थन करने वालों को सही ठहराने के लिए नहीं किया जा सकता. वहीं भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल उसके खिलाफ नफरत भरा भाषण देने में करने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर और सीमा पार 'हिंसा की संस्कृति' को बढ़ावा दे रहा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में मंगलवार को कहा, 'शांति की संस्कृति सम्मेलनों में चर्चा के लिए केवल एक अमूर्त मूल्य या सिद्धांत नहीं है बल्कि सदस्य देशों के बीच वैश्विक संबंधों में इसका दिखना जरूरी है.'More Related News