![तांत्रिक का जाल, 'बेदाग' लड़की की तलाश और पत्नी का इंतकाम... इंस्पेक्टर की मर्डर मिस्ट्री के डार्क सीक्रेट!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202311/insp-sk-singh-murder-sixteen_nine.jpg)
तांत्रिक का जाल, 'बेदाग' लड़की की तलाश और पत्नी का इंतकाम... इंस्पेक्टर की मर्डर मिस्ट्री के डार्क सीक्रेट!
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ये करीब-करीब एक 'परफेक्ट' मर्डर था. जिसे सुलझाने में यूपी पुलिस को इस मौसम में भी पसीने छूटने लगे. लेकिन क़ातिल की एक गलती से ना सिर्फ छह दिनों की कोशिश के बाद ये केस सुलझ गया, बल्कि पुलिस ने इस मर्डर केस के पीछे छुपे असली किरदारों का चेहरा भी बेनकाब कर दिया.
यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर की उनके घर के बाहर ही गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर पता चलता है कि वारदात के वक्त हुडी पहने एक शख्स साइकिल पर उसी इलाके में घूम रहा था. मगर उसका चेहरा किसी कैमरे में कैद ना हो सका. इसलिए पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी. उसी दौरान पुलिस को इंस्पेक्टर की कार से एक जीपीएस डिवाइस (GPS Device) बरामद होता है. और फिर एक ऐसी साजिश का खुलासा होता है, जिसे सुनकर हर कोई दहल जाता है.
75 दिनों की खूनी साजिश करीब 75 दिनों से रची जा रही थी एक खूनी साज़िश और निशाने पर था यूपी पुलिस का एक तेज़-तर्रार इंस्पेक्टर. पुलिस की छानबीन के दौरान इंस्पेक्टर की कार में लगा मिला एक खुफ़िया जीपीएस (GPS). जांच आगे बढ़ी तो सोशल मीडिया के ज़रिए हथियारों की ख़रीदारी का पता चला और फिर दिवाली की रात पटाखों के शोर में फायरिंग तो हुई लेकिन गोलियों की आवाज़ कहीं गुम हो गई. कातिल अपने मकसद में कामयाब हो चुका था.
इंस्पेक्टर का 'परफेक्ट' मर्डर ये क़रीब-क़रीब एक 'परफेक्ट' मर्डर था. जिसे सुलझाने में यूपी पुलिस को इस कुनकुने मौसम में भी पसीने छूटने लगे. लेकिन क़ातिल की एक ग़लती से ना सिर्फ छह दिनों की कोशिश के बाद ये केस सुलझ गया, बल्कि जब इस मर्डर केस के पीछे छुपे असली किरदारों का पता चला, तो मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर के घर वालों के साथ-साथ ख़ुद मामले की जांच कर रही पुलिस भी हैरान रह गई.
12 नवंबर 2023, दिवाली की रात इस कहानी की शुरुआत होती है इसी दिवाली वाली रात से. लखनऊ के मानस नगर के रहनेवाले पुलिस इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह अपनी पत्नी भावना और दस साल की छोटी सी बेटी साथ राजाजीपुरम में एक रिश्तेदार के घर दिवाली मनाने गए थे. माहौल बेहद खुशगवार था. लेकिन दिवाली सेलिब्रेशन के बीच ही देर रात भावना की तबीयत कुछ ऐसे बिगड़ी कि उसके लिए अपने रिश्तेदार के घर में एक पल भी रुकना मुश्किल होने लगा. लिहाज़ा, इंस्पेक्टर सतीश अपनी पत्नी और बेटी को साथ लेकर वापस मानस नगर के लिए निकल पड़े. चूंकि पत्नी भावना की तबीयत ज्यादा ही खऱाब थी, वो और उनकी बेटी दोनों गाड़ी की पिछली सीट पर सो गए, जबकि सतीश ड्राइव करते हुए घर तक पहुंचे.
12-13 नवंबर की दरम्यानी रात लेकिन रात करीब 2 बजे के आस-पास जैसे ही गाड़ी मानस नगर में घर के बाहर रुकी और इंस्पेक्टर सतीश घर का गेट खोलने के लिए गाड़ी से नीचे उतरे, अचानक एक के बाद एक गोलियों की कई आवाज़ें सुनाईं पड़ीं और इंस्पेक्टर सतीश खून से लथपथ होकर अपने घर की दहलीज़ पर लुढ़क गए. पहले तो कार में सो रही भावना और उनकी बच्ची को इस वारदात के बारे में कुछ पता ही नहीं चला, लेकिन जब एक के बाद आख़िरी गोलियों की आवाज़ भावना के कानों में पड़ी और उसने गाड़ी से बाहर झांक कर देखा, तो पाया कि उसके पति इंस्पेक्टर सतीश ज़मीन पर पड़े हुए हैं.
गोली लगने से इंस्पेक्टर की मौत इसी दौरान भावना की नजर गाड़ी के बगल से तेजी से भागते एक हुडी पहने हुए शख्स पर पड़ी. भावना ने फौरन गाड़ी से उतर कर अपने पति को संभालने की कोशिश की, लेकिन उनकी हालत देख कर घबरा गईं. और बुरी तरह से चिल्ला-चिल्ला कर रोने लगी. भावना ने ही इस वारदात के बारे में पुलिस को इत्तिला दी और आनन-फानन में मौके पर पहुंची पीसीआर और कृष्णानगर थाने की टीम ने सतीश को उठा कर अस्पताल पहुंचाया. लेकिन जब तक उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता, तब तक उनकी जान जा चुकी थी. डॉक्टरों ने इंस्पेक्टर सतीश को मुर्दा करार दे दिया.
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