तलाशी, गिरफ़्तारियां, मुक़दमे - पुतिन के रूस में पत्रकारों को कैसे सताया जाता है?
BBC
बीबीसी की रूसी सेवा ने हाल के सालों में हुई उन घटनाओं का ब्यौरा इकट्ठा किया है जब पत्रकारों को आपराधिक या प्रशासनिक मुक़दमों में घसीटा गया या फिर उनकी तलाशी ली गई. कुछ मामलों में उनकी गिरफ़्तारी भी हुई.
मॉस्को में वो 29 जून की तारीख थी. 'प्रोजेक्ट' मैगज़ीन के चीफ़ एडिटर रोमान बदानिन, उनके सहयोगी मारिया झोलोबोवा और मिखाइल रुबिन की तलाश लेने के लिए वे लोग आए. एक रूसी बिज़नेसमैन इलया ट्रैबर के ख़िलाफ़ मानहानि के एक मुक़दमे में इन लोगों के नाम बतौर गवाह शामिल थे. साल 2017 में इलया ट्रैबर पर एक फ़िल्म बनी थी और रोमान बदानिन उस प्रोजेक्ट का हिस्सा रहे थे. मिखाइल रुबिन को जब पत्रकारों से बात करने का मौक़ा मिला तो उन्होंने बताया कि "आज ही व्लादिमीर कोलोकोल्त्सेव पर एक आर्टिकल पब्लिश होना था, इसके साथ ही ये स्पष्ट हो गया कि अब इसे छापने में देरी करने की ज़रूरत नहीं है." ये आर्टिकल रूस के गृह मंत्री व्लादिमीर कोलोकोल्त्सेव के बारे में था और इसे लिखने वाले पत्रकार थे मारिया झोलोबोवा और रोमान बदानिन. बीबीसी की रूसी सेवा ने हाल के सालों में हुई उन घटनाओं का ब्यौरा इकट्ठा किया है जब पत्रकारों को आपराधिक या प्रशासनिक मुक़दमों में घसीटा गया या फिर उनकी तलाशी ली गई या उन्हें गिरफ़्तार किया गया.More Related News