
तरुण तेजपाल मामला: फ़ैसले में 'पीड़िता अच्छे मूड में थी' बताने पर छिड़ी बहस
BBC
जानेमाने पत्रकार रहे तरुण तेजपाल को बरी करने के फ़ैसले के दौरान जज ने कहा कि पीड़िता इसके बाद "अच्छे मूड में थी."
अपनी सहकर्मी का बलात्कार करने के आरोप में पकड़े गए व्यक्ति पर लगे आरोपों को ख़ारिज कर उसे बरी करने के कोर्ट के आदेश और कथित तौर पर पीड़िता के व्यवहार को लेकर सवाल किए जाने के बाद भारत में कई लोग अब यही सवाल कर रहे हैं - क्या बलात्कार पीड़िता के व्यवहार 'उचित या अनुचित' के पैमाने पर देखा जाना चाहिए? जज क्षमा जोशी ने अपने फ़ैसले में लिखा कि कथित तौर पर हुए यौन शोषण के बाद की तस्वीर को देखने पर युवती "मुस्कुराती हुई, खुश, सामान्य और अच्छे मूड में दिखती हैं." अपने 527 पन्ने के फ़ैसले में कोर्ट ने लिखा, "वो किसी तरह से परेशान, संकोच करती हुई या डरी-सहमी हुई नहीं दिख रही हैं. हालांकि उनका दावा है कि इसके ठीक पहले उनका यौन शोषण किया गया." कोर्ट ने समाचार पत्रिका तहलका के संपादक रहे तरुण तेजपाल पर लगे बलात्कार के आरोपों को ख़ारिज कर दिया है. गोवा सरकार ने इस मामले में ऊपरी अदालत में अपील की है. गुरुवार को सरकार ने इस मामले में कोर्ट से जल्द सुनवाई की गुज़ारिश की.More Related News