
तमिलनाडु : समुद्री ककड़ी तस्करी मामले में ED का सर्च ऑपरेशन, कई नकद रसीदें, चेक और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए
NDTV India
वर्ष 2001 में, भारत सरकार ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची- I श्रेणी के तहत समुद्री खीरे की सभी प्रजातियों को शामिल किया और उनके संग्रह पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 अगस्त, 2021 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में समुद्री ककड़ी तस्करी मामले में कथित सरगना विलेयुथम के विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चलाया है. ईडी के मुताबिक, ये मामला गंभीर पर्यावरणीय अपराध का है ,जिसमें समुद्री ककड़ी, श्रीलंकाई सीमा पर लुप्तप्राय प्रजातियों की तस्करी शामिल है. समुद्री ककड़ी को 'समुद्र के क्लीनर' के रूप में जाना जाता है. समुद्री खीरे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. समुद्री खीरे, जिन्हें होलोथुरियन भी कहा जाता है, समुद्री लुप्तप्राय प्रजातियां हैं. वे मन्नार की खाड़ी में पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण घटक हैं. संसाधित समुद्री खीरे से प्राप्त उत्पाद (Beche-De-Mer) व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण है और चीन, जापान और कोरिया में एक स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में माना जाता है. इसके अलावा, समुद्री ककड़ी को औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है.More Related News