तख्तापलट 3 : अपने ही बनाए गवर्नर जनरल के हाथों कुर्सी गंवा बैठे थे पाकिस्तान के तीसरे प्रधानमंत्री
ABP News
पाकिस्तानी प्रधानमंत्रियों पर आधारित खास सीरीज तख्तापलट की तीसरी किश्त में पढ़िए कहानी पाकिस्तान के तीसरे वजीर-ए-आजम मुहम्मद अली बोगरा यानी साहिबजादा सैयद मोहम्मद अली चौधरी की.
पाकिस्तान के दूसरे वजीर-ए-आजम ख्वाजा नजीमुद्दीन के शासन के दौरान 1953 में जब अहमदिया मुस्लिमों के खिलाफ जमात-ए-इस्लामी ने दंगे शुरू किए तो ऐसे हालात से निपटने के लिए गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद ने अमेरिका से एक शख्स को कराची बुलाया. उस शख्स का नाम था साहिबजादा सैयद मोहम्मद अली चौधरी, जिसने पाकिस्तान को अमेरिका परस्त बनाने में खासी मदद की थी. तब साहिबजादा सैयद मोहम्मद अली चौधरी अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुआ करते थे.
वो कराची वापस तो इसलिए लौटे थे, ताकि अहमदिया मुस्लिमों के खिलाफ चल रहे दंगे को रोकने में गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद और वजीर-ए-आजम ख्वाजा नजीमुद्दीन की मदद कर सकें. पर जब वो कराची आए तो गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद ने वजीर-ए-आजम ख्वाजा नजीमुद्दीन को पद से बेदखल कर दिया और वजीर-ए-आजम के पद पर साहिबजादा सैयद मोहम्मद अली चौधरी को बिठा दिया. इतना ही नहीं मलिक गुलाम मोहम्मद ने साहिबजादा सैयद मोहम्मद अली चौधरी को पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी का अध्यक्ष भी बना दिया और पार्टी में इसके खिलाफ कोई बगावती सुर भी नहीं उठे.